उधारी पैसा लेने के लिए विश्वास देते हैं वही देने वाला व्यक्ति विश्वास में आकर उधारी पैसा दे देता है
उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जनपद में व्यक्ति को जरूरत पड़ती है तो कहा जाता है कि गैर को भी मामा कहते हैं यही हाल उधारी लेने वालों की होती है जब आवश्यकता पड़ती है तो पाव की एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगाकर और उधारी वापस करने के लिए वादा करते हैं और तरह-तरह के खेल-खेल कर उधारी पैसा लेने के लिए विश्वास देते हैं वही देने वाला व्यक्ति विश्वास में आकर उधारी पैसा दे देता है लेकिन उधारी लेने वाला व्यक्ति अपने कहे हुए वाक्य को भूलकर लालच में पड़कर उधार देने वाले व्यक्ति से गाली गलौज और मारपीट करने लगता है इसलिए उधार देने से पहले विचार करले की उधार देने वाला कोई भी समान हो चाहे पैसा हो सोच ले कि यह हमारा नहीं है यदि अपना सोच करके दे रहे हो तो जान लिजिए कि झगड़ा जरूरत से बढ़कर हो सकता है।
ताजा मामला प्रतापगढ़ जनपद क्षेत्र के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र का है जहां रूपापुर गांव निवासी प्रदीप शर्मा पुत्र स्वर्गीय शरद चंद शर्मा अपने मित्र अरविंद प्रताप सिंह पुत्र देवेंद्र बहादुर सिंह निवासी शिव सदन गांधी आश्रम गली चिलबिला प्रतापगढ़ को बैंक के माध्यम से 180000 रुपए उधर के रूप में दिया था पैसा लेते समय अरविंद प्रताप सिंह ने कहा था कि दो माह में पैसा वापस कर दूंगा 2 महीना बीत जाने के बाद जब पीड़ित ने अपना पैसा मांगना शुरू किया तो आरोपी टाल मटोल करता रहा पीड़ित ने जब 19 /11 /24 को बैंक ऑफ़ बडौदा का चेक लगाया तो पीड़ित का चेक बाउंस हो गया। पीड़ित ने फोन करके बताया कि आप का चेक बाउंस हो गया है तो आरोपी ने कहा कि मैं अपने स्कूटी से आ रहा हूं लेकिन शाम हो गई आरोपी पीड़ित के घर नहीं गया तो पीड़ित आरोपी के घर गया और बताने लगा कि आपका चेक बाउंस हो गया जाल साज आरोपी ने अपनी स्कूटी को गायब कर पीड़ित पर चोरी का जुल्म ठहरा दिया जिससे पीड़ित आवक रह गया पीड़ित ने कोतवाली थाना में जालसाज आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
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