पत्रकार को सच बोलना पड़ा महंगा भाजपा जिलाध्यक्ष के कहने पर पुलिस ने किया चालान
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जनपद में कबीर साहब ने कहा है कि सच बोलने के बराबर कोई दूसरा धर्म नहीं वही गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने भी अपनी मानस में लिखा है कि सच समान धर्म न दूजा अर्थात सच बोलने के बराबर दूसरा कोई धर्म नहीं है लेकिन आज भारतवर्ष में झूठ के बराबर बोलने वाले व्यक्ति के लिए दूसरा कोई धर्म नहीं दिखाई दे रहा है यदि कोई व्यक्ति सच्चाई के साथ सच बोलता है तो उसे नाना प्रकार से सताया जा रहा है इससे अच्छा तो है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खत्म कर दिया जाए जिससे सच्चाई दिखाना बंद हो सके यदि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ रहेगा तो चाहे नेता हो चाहे पुलिस हो चाहे वकील हो , चाहे राजा हो चाहे ,रंक हो सबकी सच्चाई का उजागर चौथा स्तंभ करता रहा और करता रहेगा लेकिन हदें तो अब पार हो रही है जो भाजपा सरकार में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का हनन हो रहा है सच दिखाने वाले को जेल भेजा जा रहा है मार पीटकर जेसीबी बुलाकर दफनाने का काम किया जा रहा है।
बड़े पदों की जिम्मेदारी गंभीर व्यक्तियों को दी जानी चाहिए छोटी-छोटी बातों में आक्रोशित होने वाले और छोटी-छोटी बातों में स्वाभिमान से जोड़कर बड़ा निर्णय करने वाले लोग बड़े पद पर सुशोभित नहीं होते हैं। इसी तरह का ताजा मामला गुरुवार को जनपद मुख्यालय मंझनपुर में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में जिला अध्यक्ष धर्मराज मौर्य के करतूत देखने को मिला है। भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित थी। सूचना भेज कर पत्रकारों को प्रेसवार्ता में बुलाया गया था, जहां पत्रकार जुगुल किशोर भी पहुंचे और वार्ता के दौरान जुगल किशोर पर जिला अध्यक्ष नाराज हो गए और उन्होंने पुलिस बुलाकर पत्रकार को गिरफ्तार करवा लिया।
पत्रकार को लेकर पुलिस थाना के लिए चली गयी जबकि 7 साल से कम की सजा पर गिरफ्तारी में सुप्रीम कोर्ट ने रोक भी लगाई है और तमाम अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देती है, लेकिन पत्रकार को पुलिस गिरफ्तार कर ले गयी। जिला अध्यक्ष पर तमाम तरह के गंभीर आरोप है, जिस पर पत्रकार ने सवाल उठा दिया और इसी पर जिला अध्यक्ष नाराज हो गए और उन्होंने सत्ता के गुरुर में वह निर्णय कर दिया जिससे योगी सरकार की स्वच्छ छवि पर भी लोग चर्चा करने लगे हैं। जिला अध्यक्ष के कार्यकाल में भाजपा सांसद का चुनाव हार चुकी है। यदि जिला अध्यक्ष के इसी तरह करनामें रहे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को आम जनता मुहतोड़ जवाब देगी। पत्रकार को गिरफ्तार कराए जाने के मामले को योगी सरकार को गंभीरता से लेना होगा और जिला अध्यक्ष के कारनामे पर उनके आचरण की जांच कराए जाने की जरूरत है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार ने पुलिस थाना में पूरी रात खाना नही खाया। पुलिस का दिया उसने पानी तक नही पिया गिरफ्तार पत्रकार को आशंका थी कि जिलाध्यक्ष के दबाव में उसे खाने में जहर दिया जा सकता है, जिसके चलते गिरफ्तार पत्रकार ने पुलिस थाना में अन्न जल त्याग दिया जिससे पुलिस की निष्ठा पर भी तमाम सवाल खड़े हो गए। गिरफ्तार पत्रकार का कहना है कि भाजपा जिलाध्यक्ष की कठपुतली बन कर थाना पुलिस काम कर रही है। शुक्रवार को दूसरे समय पुलिस ने गिरफ्तार पत्रकार का चालान कर दिया है।
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