योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं विकास भवन के अधिकारी
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत अषाढा और उसके मजरा फैजीपुर में तमाम मूलभूत जरूरत की समस्याओं का समाधान न होने से गांव की जनता समस्याओं से जूझ रही है गांव में विकास के नाम पर केवल ढकोसला हो रहा है बताया जाता है कि गांव में साफ सफाई के लिए सफाई कर्मी की तैनाती की गई लेकिन पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के मेहरबानी के चलते गांव की साफ सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी नहीं दे रहा है नालिया कीचड़ से भरी है गांव में चारों तरफ कूड़े के ढेर लगे हैं गंदगी और दुर्गंध से आम जनता परेशान है लेकिन उसके बाद ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव सफाई कर्मी के वेतन को रोककर उस पर दबाव नहीं बना रहे हैं गांव में पुलिया टूट गई है जिसमें पाइप नहीं पड़ा है जिससे पुलिया से निकलने वाले लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं लेकिन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव से आम जनता की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है जगह-जगह पर गांव की सड़क में गड्ढे हैं सड़के खोदकर छोड़ दी गई है आम जनता को आने-जाने में दिक्कत होती है विकास के नाम पर केवल अधिकारियों को गुमराह कर सरकारी रकम खजाने से निकाली जा रही है मनरेगा योजना में भी गांव में बड़ी हेरा फेरी हुई है।
मजदूरों के फर्जी नाम दर्ज करके उनसे साठगाँठ करके मनरेगा की रकम निकाली जा रही है लेकिन सवाल उठता है कि जिन अधिकारियों को मॉनिटरिंग करनी है वह कमीशन लेकर चुप्पी साध जाते हैं जांच के नाम पर पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष जांच करके भ्रष्टाचार की रिपोर्ट अधिकारियों को देने के लिए जांच अधिकारी तैयार नहीं दिखाई पड़ते हैं विकास योजनाओं की धांधली में निष्पक्ष तरीके से जांच करने के बजाय योजना से जुड़े अधिकारी भी किसी दबाव में काम करते हैं जिससे गांव का विकास पूरी तरह से बाधित है और आम जनता परेशान है सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर कब तक विकास भवन के अधिकारियों के संरक्षण में ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार होता रहेगा आखिर कब निष्पक्ष तरीके से जांच होगी और सरकारी रकम में हेराफेरी करने वाले लोगों पर कब मुकदमा दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी कराई जाएगी यह योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा है।
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