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इस बार होली पर त्रिग्राह योग

इस बार होली पर त्रिग्राह योग

 

हिंदू धर्म में होली का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक है। दो दिवसीय पर्व में एक दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इसे छोटी होली के नाम से भी जानते हैं। होलिका दहन के ठीक अगले दिन रंग वाली होली मनाई जाती है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च 2025 को किया जाएगा और रंग का त्योहार 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। होलिका दहन पर भद्रा का साया होने के कारण शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है। इस पर मवाना ब्राह्मण सभा के सभी विद्युत ज्योतिष आचार्य ज्योतिष गणना के अनुसार निर्णय लिया गया जिसमें राम ब्राह्मण सभा अध्यक्ष प्रदीप कृष्ण चंद्र शास्त्री जिला अध्यक्ष विष्णु शौनक सेमवाल ज्योतिष विशेष सलाहकार श्री सर्वेश्वर प्रसाद सेमल उपाध्यक्ष नत्थीलाल नौटियाल कोषाध्यक्ष कमल कृष्णा बसियाल श्री दशरथ प्रसाद भट्ट मंत्री श्री महेश सेमल प्रचार मंत्री श्री वाचस्पति जोशी सचिव वह समस्त कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। होलिका दहन व पूजन का शुभ मुहूर्त-
भद्रा काल – 13 मार्च, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 11 बजकर 26 मिनट तक.भद्रा की पूंछ – शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट से भद्रा का मुख – रात 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक13 मार्च को चंद्रमा सिंह राशि में संचार करेंगे, जिसकी वजह से भद्रा का साया मृत्यु लोक में रहेगा. शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा मृत्यु लोक में होती है, तब सबसे ज्यादा हानिकारक मानी जाती है. होलिका दहन पर भद्रा करीब 12 घंटे 51 मिनट तक रहेगी.

होलिका पूजा मुहूर्त
13 मार्च को 9:30 से दोपहर 1:29 तक दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक राहुकाल का समय रहेगा इसलिए इस अवधि में होली पूजन से बचें. शास्त्रों के अनुसार, राहुकाल में पूजन करना अशुभ माना गया है

होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त
13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन होलिका दहन के लिए 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा. दरअसल रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा व्याप्त रहने की वजह से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा.होलिका दहन मुहूर्त – रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट

संवाददाता मेरठ

7k Network

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