मवाना: श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर मवाना में तीन दिवसीय श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के अंतिम दिन सिद्ध भगवान के 1024 गुणों की पूजा की गई। जिसमें भगवान के 1008 नामों के स्वरूप का कथन कर उन्हें अघ्य समर्पित किए गए। इस प्रकार संपूर्ण विधान में 64 रिद्धि शांतिनाथ विधान वृहद कर्म दहन पंच परमेष्ठी एवं सहस्त्रनाम आदि विधान भी समाहित है।
साधु सेवा महिला समिति की अध्यक्ष नीरू जैन ने बताया कि इस विधान को जो व्यक्ति सच्चे मन से करता है। उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। जिसका एक उदाहरण मैना सुंदरी और राजा श्रीपाल है संपूर्ण विधान में सिद्ध भगवान के 1528 गुणों की पूजा करके अघ्य समर्पित किए गए।
सभी महिलाओं ने भक्ति पूर्वक इस विधान को किया विधान करने के बाद हवन करके विश्व शांति की कामना की गई तत्पश्चात सभी महिलाओं ने भक्ति पूर्वक भगवान की आरती करके अनेक भजनों पर चवर द्वारा नृत्य किया । इस विधान में श्रीमती नीरू जैन, रूबी जैन, सुमन जैन, शिखा जैन, विधि जैन, सिम्मी जैन, बबीता जैन का सहयोग रहा।