थाना प्रभारी पट्टी दोषियों के पक्ष में नहीं लगने दे रहे मकान का छत राजस्व विभाग की टीम के निरीक्षण के बाद भी पीड़ित को नहीं मिल पा रहा न्याय।
- थाना प्रभारी पट्टी खुद बने बैठे हैं न्यायाधीश, नहीं कर रहे उपजिला धिकारी के आदेशों का अनुपालन?
संवाददाता विवेक कुमार मिश्र
प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील के महोखरी गाँव में मकान निर्माण के दौरान अवैध हस्तक्षेप का मामला उपजिला धिकारी पट्टी के समक्ष 19 मार्च को ही आया था। पीड़ित श्याम शंकर पाठक ने उपजिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि गाँव के ही शेषनाथ नामक व्यक्ति ने उनके पुस्तैनी मकान के निर्माण कार्य में जबरन बाधा डाली है। श्याम शंकर पाठक के अनुसार, उनका पुस्तैनी मकान काफी जर्जर अवस्था में था, जिसके चलते उन्होंने उसका पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया। जब उन्होंने मकान की नींव पर दीवार खड़ी करके छत डालने का काम शुरू किया, तो शेषनाथ ने बिना किसी अधिकार के अवैध रूप से हस्तक्षेप किया और काम को रुकवा दिया। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने इस घटना की सूचना संबंधित तहसील के उच्चाधिकारियों और स्थानीय थाने को भी दी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्याम शंकर पाठक ने उपजिलाधिकारी से मांग की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और शेषनाथ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें, ताकि वे शांतिपूर्वक अपने मकान का निर्माण कार्य पूरा कर सकें। श्याम शंकर पाठक के प्रार्थना पत्र पर उपजिलाधिकारी ने प्रभारी निरीक्षक पट्टी को आदेशित किया है कि मौके पर जा कर भौतिक एवं अभिलेखीय परीक्षण किया जाए और शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए अवैध हस्तक्षेप को रोका जाए। यूपी जिला अधिकारी के आदेश के अनुपालन में तहसीलदार ने स्थलीय निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट लगा दिया परंतु प्रभारी निरीक्षक पट्टी खुद मजिस्ट्रेट बने हुए हैं ये उपजिला धिकारी के आदेश को भी नागवार समझ रहे हैं। हालांकि राजस्व विभाग की रिपोर्ट लगने के बाद कानूनी तौर पर प्रभारी निरीक्षक को चाहिए था कि मौके पर जाकर बाधा डालने वाले को रोका जाए और पीड़ित का छत लगवाने के उपजिलाधिकारी के आदेशों का अनुपालन करवायें लेकिन ऐसा नहीं है सूत्रों की माने तो प्रभारी निरीक्षक पट्टी दोषियों से मिलकर पीड़ित का छत नहीं लगवाने दे रहे हैं।
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