सवाददाता / रमेश यादव
उत्तर प्रदेश / प्रयागराज
बता दें कि 4 जुलाई को सावन मास का आरंभ हो रहा है। सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है। सावन मास आते ही चारों ओर वातावरण शिव भक्ति में होता है। जितनी वर्षा होती है, उतनी ही भगवान की कृपा मानी जाती है।
सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवारों का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस माह में पड़ने वाले मंगलवार का भी विशेष महत्व होता है। सावन मास के मंगलवार को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह के शांति के निमित्त एवं मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत किया जाता है। शिव को सावन मास इसलिए अधिक प्रिय है क्योंकि जब सनद कुमारों ने महादेव से उनसे सावन मास प्रिय होने का कारण पूंछा तो महादेव शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग किया था। उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती रूप में हिमालय राज के घर में पुत्री रूप में जन्म लिया।
पार्वती ने युवावस्था के सावन मास में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया था। जिसके बाद से ही महादेव के लिए सावन मास विशेष प्रिय हो गया। इस माह पूर्णमा के दिन श्रवण नक्षत्र विद्दमान रहता है।