चायल में तकनीकी शिक्षा जागरूकता अभियान: नवाचार, आत्मनिर्भरता और सृजनशीलता की ओर एक क्रांतिकारी कदम
रिपोर्टर अमित कुमार
कौशाम्बी –: चायल तहसील सभागार बुधवार को उस ऐतिहासिक संवाद का साक्षी बना, जब तकनीकी शिक्षा के महत्व पर चर्चा करते हुए छात्रों और शिक्षकों ने एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाए। “तकनीकी शिक्षा जागरूकता अभियान” के अंतर्गत आयोजित इस बैठक में चायल एसडीएम आकाश सिंह ने युवाओं को तकनीकी शिक्षा के अद्वितीय महत्व और उसमें छिपे अवसरों के बारे में गहरी समझ दी।
एक नई युग की शुरुआत: तकनीकी शिक्षा के द्वार पर खड़ा युवा भारत
चायल एसडीएम आकाश सिंह ने इस बैठक में उपस्थित विद्यार्थियों को बताया कि आज का युग तकनीकी नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का युग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तकनीकी शिक्षा न केवल रोजगार पाने का एक साधन है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, सृजनशीलता और नवाचार की दिशा में युवाओं के कदमों को मजबूत करती है। अब तकनीकी शिक्षा, खासकर AI, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे आधुनिक क्षेत्रों में, युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान कर रही है।
शिक्षकों का नया दायित्व: विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और नवाचार का जागरण
बैठक में शिक्षकों को भी नए दृष्टिकोण से परिचित कराया गया। उन्हें यह प्रेरणा दी गई कि वे अपने पारंपरिक शैक्षिक तरीके से आगे बढ़कर प्रयोगात्मक सोच, समस्या समाधान और रचनात्मकता के विकास पर ध्यान केंद्रित करें। शिक्षकों को यह एहसास दिलाया गया कि वे केवल शिक्षकों के रूप में नहीं, बल्कि सृजनात्मक मार्गदर्शक के रूप में विद्यार्थियों की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- शिक्षा और प्रशासन का मिलाजुला उदाहरण
इस बैठक ने यह सिद्ध कर दिया कि एक दृढ़ नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टिकोण से किसी भी छोटे से छोटे क्षेत्र में भी बडे़ परिवर्तन लाए जा सकते हैं। चायल के प्रशासनिक नेतृत्व में तकनीकी शिक्षा के प्रति यह जागरूकता अभियान न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बना है। प्रशासन ने केवल शिक्षण में सुधार नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक सशक्त मार्ग प्रशस्त किया है।
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