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एसडीएम बनने के लिए कौन सी योग्यता चाहिए एवं कौन-कौन सी जिम्मेदारियां होती हैं

बता दें कि उत्तर प्रदेश में उप जिलाधकारी ज्योति मौर्या का नाम चर्चा का विषय है। सोशल मीडिया पर यह कहते हुए वायरल किया जा रहा है कि उन्होंने पैसा, पद और रुतबे के चलते अपने पति आलोक मौर्या को छोड़ दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उप जिलाधिकारी बनने के लिए कितना पढ़ा-लिखा होना चाहिए ? कितनी मिलती है सैलरी और क्या होती हैं जिम्मेदारियां ?

उप जिलाधिकारी यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट किसी जिले के जिलाधिकारी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नीचे काम करता है। यह किसी जिले में जिलाधिकारी के बाद दूसरे नंबर का रुतबा रखता है। उप जिलाधिकारी की पावर जिलाधिकारी से कम नहीं होता है। उप जिलाधकारी  को असिस्टेंट मजिस्ट्रेट भी कहते हैं।

उप जिलाधकारी बनने के लिए राज्य स्तर की सिविल सेवा यानी पीसीएस परीक्षा पास करनी पड़ती है। जिसे संबंधित राज्य का लोक सेवा आयोग जैसे कि यूपी में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग, राजस्थान में राजस्थान लोक सेवा आयोग, आयोजित करता है।

उप जिलाधिकारी बनने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पीसीएस परीक्षा में बैठना होता है। जिसके लिए न्यूतनम योग्यता किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना है। इस भर्ती प्रक्रिया में तीन चरण होते हैं। सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा इसके बाद मुख्य परीक्षा एवं आखिर में इंटरव्यू होता है।

उप जिलाधकारी  की जिम्मेदारी गाडियों का रजिस्ट्रेशन, राजस्व कार्य, चुनाव आधारित कार्य, विवाह पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण और जारी करना एवं लॉ एंड ऑर्डर भी बनाए रखने में भूमिका निभाता है।

एसडीएम को बेसिक सैलरी 56000 के साथ कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं। सरकारी अवास, सुरक्षा गार्ड, माली और कुक जैसे हाउस हेल्प, एक सरकारी वाहन (सायरन के साथ), एक टेलिफोन कनेक्शन, फ्री बिजली आदि।

रिपोर्टर रमेश यादव

7k Network

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