उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले के कौड़िहार ब्लाक अंतर्गत इस समय धान की रोपाई बहुत जोरो के साथ चल रही है इस समय धान की रोपाई इतनी तेजी के साथ चल रही है की लेबर का मिलना भी मुश्किल हो गया है।
धान की रोपाई करने के लिए और अगर देखा जाए तो एक किसान फसल को तैयार करने में जितनी मेहनत करता है उस किसान को उसकी आधी मजदूरी भी नहीं मिल पाती इसीलिए किसान पहले भी पीछे था आज भी है और आगे भी रहेगा किसान हमेशा गरीब रहेगा क्यों रहेगा आपको बताना चाहते हैं।
धान की खेती इस समय चल रही है सबसे पहले खेत तैयार करके मार्केट से धान खरीद करके बेहन डालना उसके बाद उसमें समय-समय पर पानी और खाद देना जब बेहन तैयार हो गई अब धान की रोपाई करने के लिए खेत को बनाना उसमें जुताई कराना पानी लगाना ट्यूबवेल से धान की रोपाई हो गई इसमें समय पर खाद डालना इसकी घास को निकालना इसमें तरह तरह की दिक्कतें आती हैं उसके बाद अगर कोई दैवीक आपदा आ गई जैसे बाढ़ तो सब फसल नष्ट हो जाती है।
जितनी भी लागत लगी है वह किसान के घर से जाता है लास्ट में जब किसान धान काट लेता है उसकी कीमत जो सरकार देती है 1400 सौ रुपए कुंतल या 1500 सौ रुपए कुंतल मिलता है किसान कितनी मेहनत करता है आप लोग खुद देख ले और लास्ट में जब मार्केट में बेचता है तो इतना थोड़ा पैसा मिलता है की किसान उससे क्या कर सकता है यही है किसान की जिंदगी इसीलिए किसान कभी उठ नहीं पाता और अगर किसान साग सब्जी की खेती ना करें तो वह अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ा भी नहीं सकता ना तो अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकता है।
संवाददाता: संजीत मिश्रा
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