रायबरेली में सिविल सेवा की तैयारी कर रही एक बेटी को जेल भेज दिया। पीड़ित युवती ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है। आरोप है कि 16 जुलाई को जब दोनों थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने अभद्रता की व प्रगति की पढ़ाई लिखाई चौपट करने की धमकी देते हुए रायबरेली जेल भेज दिया। सक्षम अधिकारी के सामने पेश नहीं किया।
रायबरेली: पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां नारे को कागजों पर व सरकारी कार्यालयों में लिखा कर सरकार उन्हें शिक्षित कर आगे बढाने के सपने देख रही है। बावजूद इसके पुलिस महकमा सिविल सेवा की तैयारी कर रही एक बेटी को जेल भेज दिया। पीड़ित युवती ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है।
पूरे गौतमन मजरे सुट्ठा हरदो की रीता ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर बताया कि बीती 15 जुलाई को गांव के ही पांच लोगों पर खेत में लगे शीशम के पेड़ तोड़ दिया। विरोध किया तो पिटाई कर दी बचाने दौड़ी ननद प्रगति को भी पीट दिया। डायल 112 पर शिकायत की व गदागंज थाने में शिकायती पत्र दिया।
पुलिस ने चोट होने के बावजूद स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया। दूसरे दिन थाने आने की बात कह घर भेज दिया। आरोप है कि 16 जुलाई को जब दोनों थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने अभद्रता की व प्रगति की पढ़ाई लिखाई चौपट करने की धमकी देते हुए रायबरेली जेल भेज दिया। सक्षम अधिकारी के सामने पेश नहीं किया। पुलिस अधीक्षक ने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अपराधी युवक पर नहीं की कार्रवाई
पीड़िता ने बताया कि आरोपित एक युवक पर पूर्व में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई, लेकिन उसपर पुलिस ने कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।
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थाना प्रभारी शरद कुमार ने बताया कि महिलाएं शिकायत लेकर आई थी, थाने पर भी दोनों पक्षों में विवाद होने लगा जिस पर दोनों पक्षों से 22 महिलाओं को शांतिभंग में पाबंद कर जेल भेजा गया है। आरोपित पुरुषों पर कार्यवाही न किए जाने पर वह चुप्पी साध गए।