भारी बारिश के कारण देश के कई राज्यों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो रहे हैं। वहीं मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश ने बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है।
इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर लोगों को यमुना से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। आजतक के सतेंदर चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज के फ्लड गेट फिर खुले. हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली की तरफ पानी छोड़ा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे दिल्ली के निचले इलाकों की परेशानी बढ़ सकती है।
दिल्ली की तरफ कितना पानी छोड़ा गया?
रिपोर्ट के मुताबिक 21 जुलाई की शाम यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान को पार कर गया था। हालांकि, 22 जुलाई की सुबह 9:00 बजे से यमुना नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। रिपोर्ट के मुताबिक चिंता की बात यह है कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में लगातार इजाफा हो रहा है।
हथिनी कुंड बैराज से 22 जुलाई की सुबह 9 बजे तक 1 लाख 47 हजार क्यूसेक पानी, 10 बजे तक 2 लाख 9 हजार क्यूसेक और 11 बजे तक 2 लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अगर दिन भर इसी मात्रा में हर घंटे हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है, तो अगले 24 से 48 घंटे में इसका असर दिख सकता है।
पहाड़ों पर कई जगह लैंडस्लाइड
देश के कई इलाकों में भारी बारिश जारी है. महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा सहित कई राज्यों में बारिश के कारण लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुए हैं. कई रास्ते ब्लॉक हो गए।
उत्तराखंड में 21 जुलाई की देर रात से लगातार बारिश हो रही है। नदियां ऊफान पर आ गई हैं। कई जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. कई सड़कें बह गई हैं। लैंडस्लाइड के कारण सड़कों पर आवाजाही मुश्किल हो गई है।
ये भी पढ़ें-ट्रक मकान में घुसा, पिता-पुत्री समेत तीन की मौत
22 जुलाई को देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन इलाकों में तेज बारिश के अलावा तूफान और बिजली गिरने की भी आशंका जताई है. वहीं बाकी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 24 जुलाई तक बारिश का अलर्ट है।
लद्दाख में 21 जुलाई की रात बादल फटने के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई. सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. लेह के मेन मार्केट में पार्क किए गए कई वाहन और घरों को भी काफी नुकसान हुआ।