लखनऊ में हुए तीन दिवसीय आम महोत्सव में एक बड़ा खेल सामने आया है। 16 जुलाई को अवध शिल्प ग्राम में उद्यान राज्यमंत्री दिनेश सिंह ने जिस किसान को पुरस्कार दिया था वह जांच के बाद कर्मचारी निकल आया। मामला प्रकाश में आया तो विभाग ने फौरन पुरस्कार वापस ले लिया। आम महोत्सव की प्रतियोगिता में कर्मचारी को शामिल नहीं होना था।
लखनऊ: तीन दिवसीय आम महोत्सव में उद्यान विभाग का बड़ा खेल सामने आया है। अधिकारियों ने आम बागवान की जगह दो कर्मचारियों को ही बागवान बनाकर स्टाल लगवा दिए और फिर पुरस्कार भी दिला दिया। मामला प्रकाश में आया तो कर्मचारियों को चेतावनी देकर प्रमाण पत्र व शील्ड वापस ले ली गई।
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शहीद पथ के अवध शिल्प ग्राम में 14 से 16 जुलाई तक आम महोत्सव का आयोजन हुआ था। अंतिम दिन उद्यान राज्यमंत्री दिनेश सिंह ने उत्कृष्ट आम उत्पादकों को शील्ड व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया था। बस्ती के उद्यान विभाग के दो कर्मचारियों को संजय और राम सुभावन को भी उत्कृष्ट आम का पुरस्कार दिया गया।
हालांकि दोनों के पास आम की बाग है, लेकिन पुरस्कार के लिए विभागीय कर्मचारी आवेदन नहीं कर सकते थे। पुरस्कार की जानकारी होने पर बस्ती के संयुक्त निदेशक अतुल कुमार सिंह ने न केवल जिला उद्यान अधिकारी को फटकार लगाई, बल्कि आननफानन शील्ड और प्रमाण पत्र वापस लेकर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय को भिजवा दिए।
महोत्सव प्रभारी व संयुक्त निदेशक उद्यान वीबी द्विवेदी ने बताया कि सभी जिलों से सूची फाइनल होकर मुख्यालय आती है। आम महोत्सव की प्रतियोगिता में कर्मचारी को शामिल नहीं होना था। हालांकि बस्ती में संजय माली और राम सुभावन चालक के पद पर तैनात है और दोनों ही आम का उत्पादन करते हैं।