कुण्डा/प्रतापगढ़। राम भक्त हनुमान जी महराज भक्तों के रक्षक और कल्याण करने वाले देवता है । बङी मुशीबत भी श्रद्धा भक्ति से पूजन करने पर दूर हो जाती है। और हनुमान जी महाराज प्रत्यक्ष फल अपने भक्तों को देते है।
इनकी आराधना करने पर भूत-प्रेत से ग्रसित नर – नारी श्रृद्धालुओं की रक्षा होती है सभी संकटों से मुक्ति देने से ही उनका नाम संकट मोंचन पङा है । यह उपदेश प्राचीन तपोभूमि सिद्ध-संकट मोंचन धाम हनुमान नगर मिश्रदयाल पुर हनुमान मन्दिर पर पुरूषोत्तम मास में चल रहे विश्वकल्याणार्थ संकटहारी हनुमान पूजा महायज्ञ के दौरान हनुमान मंदिर के पुजारी तपस्वी महात्मा बालयोगी जी महराज ने दूर-दराज से आए हुए नर-नारी श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं । स्वामी बालयोगी जी ने आगे कहा कि हनुमान जी महराज की सच्चे आत्मा से पूजा-पाठ करने से मनुष्यों की मनोंकामना पूरी होती है।
लेकिन विश्वास पक्का होना चाहिए । विना विश्वास के हनुमान जी महाराज को पाना असंभव है । तुलसीदल का भोग तथा लड्डू का प्रसाद बांटने से उनकी आत्मा को तृप्ति मिलती है । श्री हनुमान चालीसा पाठ,बजरंग बाण सुन्दर काण्ड पाठ,श्री हनुमान महिमा पाठ तथा सीताराम महामंत्र का जाप करके मनुष्य अपने जीवन में सुख शान्ति पा सकता है उल्लेखनीय है कि थाना हथिगवां के अन्तर्गत हनुमान नगर मिश्रदयालपुर गांव में स्थित प्राचीन सिद्ध संकट मोंचन धाम हनुमान मन्दिर पर विश्व कल्याण , अमन-चैन,मंगलमय,सुख शान्ति सबकी रक्षा के लिए हनुमान मन्दिर पर लगभग पचास वर्ष पूर्व से अखंड कठिन हनुमत उपासना में लीन होकर तपस्वी महात्मा बालयोगी जी महराज ने लगातार हर मंगलवार को सुबह दस बजे दिन से चार बजे दिन तक अद्भुत हनुमान जी महाराज का दिब्य दरबार लगाकर निःस्वार्थ भाव से जन-कल्याण कर रहे है।
यह सिद्ध हनुमान मन्दिर साधन-सुविधा विहीन होने के बावजूद भी यहाँ पर दूर-दराज से नर-नारी श्रृद्धालुओं ने प्रत्येंक मंगलवार को समयानुसार हनुमत दरबार में मांथा टेक,परिक्रमा लगाकर पूजा-पाठ में शामिल होकर हनुमत दिब्य दरबार में अर्जी लगाकर अपने हर कष्ट ग्रह रोग व्याधि बाधा बीमारी से छुटकारा पाकर मनवांक्षित फल प्राप्त कर रहें ।
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