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घायल मरता है तो मर जाए, यूपी पुलिस के लिए औपचारिकता जरूरी

मित्र पुलिस यह सुनने में बहुत आकर्षक और भरोसा करने लायक लगता है लेकिन कुछ पुलिस कर्मियों के कारण लोग पुलिस पर भरोसा नहीं करते हैं। गुरुवार को लगभग सुबह 11.30 बज रहे थे।

डलमऊ के बहरिया मोड़ के पास चार पुलिसकर्मी व कुछ ग्रामीण सड़क के किनारे दर्द से कराह रहे युवक से नाम पता पूछ रहे थे। पास में 112 पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) खड़ी थी।

रायबरेली: मित्र पुलिस यह सुनने में बहुत आकर्षक और भरोसा करने लायक लगता है, लेकिन कुछ पुलिस कर्मियों के कारण लोग पुलिस पर भरोसा नहीं करते हैं। गुरुवार को लगभग सुबह 11.30 बज रहे थे। डलमऊ के बहरिया मोड़ के पास चार पुलिसकर्मी व कुछ ग्रामीण सड़क के किनारे दर्द से कराह रहे युवक से नाम पता पूछ रहे थे। पास में 112 पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) खड़ी थी।

पूरे गुरू निवासी सोनू मुराई बाग से घर जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई, जिस कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए। वह दर्द से कराहते-कराहते अचेत हो गया, लेकिन पुलिसकर्मी उसे अस्पताल पहुंचाने के बजाए औपचारिकता पूरी करने में जुटे रहे। औपचारिकता पूरी करने में पुलिस को करीब एक घंटे का समय लगा। एक घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस से परिवारजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।

युवक की हालत गंभीर होता देख प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं, इस बाबत डलमऊ के प्रभारी निरीक्षक पंकज तिवारी ने बताया कि एंबुलेंस से ही घायलों के अस्पताल पहुंचाने के निर्देश हैं। औपचारिकता पूरी करने के बाद युवक के परिवारजनों को सूचना दी गई।

परिवारजनों के आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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