हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार, 40 वर्ष पूर्व हुई हत्या के आरोपियों को किया बरी
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर जिले के एसएम नार्थ थाने में 40 वर्ष पूर्व दर्ज हुई हत्या के मामले में आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। लिहाजा तीनों आरोपियों को बरी किया जाता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने यूपी सरकार की आरे से दाखिल आपराधिक अपील को खारिज करते हुए दिया है। प्रतिवादियों पर आरोप था कि उन्होंने भैंस के लेनदेन में हुए विवाद में कुंदन सिंह की हत्या कर दी और उसकी पत्नी को घायल कर दिया।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद हरदयाल सिंह, तिरलोक सिंह, बलविंदर सिंह, भूरा, दिलीप सिंह और सरदार सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 302/307 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ। सत्र न्यायालय ने मामले में आरोपियों को बरी कर दिया।
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी। कोर्ट ने कहा कि मृतक की चोटों को अभियोजन पक्ष स्पष्ट रूप से साबित नहीं कर सका। चिकित्सा साक्ष्य और गवाहों के साक्ष्य पुष्टिकारक नहीं थे। लिहाजा आरोपियों को मामले से बरी किया जाता है।
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