प्रयागराज में बाढ़ का खतरा टलने से लोगों ने ली राहत की सांस, यमुना और गंगा के जलस्तर में वृद्धि पर लगा ब्रेक
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। नदी में उफान आने की वजह से पानी की दस्तक घाट किनारे तक हो गई थी। लहरों की रफ्तार में घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके थे. श्रद्धालुओं को नहाने में परेशानी आ रही थी। प्रयागराज में यमुना और गंगा का भी रौद्र रूप कई दिनों से जारी था। गंगा नदी तकरीबन 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थी. यमुना नदी का जलस्तर साढ़े तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था।
प्रयागराज में बाढ़ का खतरा टलने से लोगों ने ली राहत की सांस
गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान को पार करने से मात्र 3 मीटर दूर थी। जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा था कि तीन-चार दिनों बाद बाढ़ का रौद्र रूप देखने को मिलेगा। सोमवार देर रात पानी संगम किनारे लेटे हुए हनुमान मंदिर तक पहुंचने की आशंका जताई गई थी। कई इलाकों के पूरी तरह डूबने का अनुमान था। संगम की तरफ जाने वाले कई रास्तों पर खतरे की आहट दिखाई देने लगी थी। सोमवार की सुबह आठ बजे के बाद गंगा और यमुना नदियों में वृद्धि की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।
यमुना और गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार पर लगा ब्रेक
अब नदियों का जलस्तर कम होने से प्रशासन समेत लोगों ने राहत की सांस ली है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक यमुना और गंगा नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। कई दिन डर और खौफ में रहने के बाद लोगों ने चैन की सांस ली है. बाढ़ का खतरा टलने के संकेत सोमवार की सुबह आठ बजे से मिलने लगे थे। फाफामऊ और नैनी में गंगा-यमुना नदी का उफान घटने लगा था।
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