झांसी में 75 साल के एक किसान का सुसाइड करने का मामला सामने आया। बताया जा रहा हे़ै कि उस पर ढाई लाख रुपए का कर्ज था।
झांसी: फसल से उसे कर्ज चुकाने की आस थी, परंतु उसकी फसल ही बर्बाद हो गई। जिसके कारण वह डिप्रेशन में चल रहा था। खेत पर जाकर उस किसान ने जूते के फीते और रस्सी से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। यह घटना मोंठ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जौरा गांव की है।
किसान के सुसाइड करने की सूचना मिलने पर मोंठ तहसील के एसडीएम परमानंद, तहसीलदार नसीम अख्तर, मोंठ थाना प्रभारी वेदप्रकाश पांडेय समेत अन्य अधिकारी सीएचसी पहुंच गए। वहां परिजनों से घटना की जानकारी प्राप्त की। एसडीएम ने पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर झांसी की मोर्चरी में रखवाया गया है। जहां पर आज दोपहर तक शव का पोस्टमार्टम होगा।
जौरा गांव के निवासी महेंद्र यादव (75) किसान थे। उनके भतीजे श्यामसुंदर यादव ने कहना कि “मेरे चाचा महेंद्र यादव मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे खेत पर फसल देखने गए थे। खेत पर जाकर देखा तो अन्ना जानवारों ने दस बीघा की फसल को तहस-नहस कर दिया। इसी के कारण ही चाचा डिप्रेशन में आ गए।
खेत पर एक पेड़ पर रस्सी और जूते के फीते का फंदा बनाकर चाचा ने फांसी लगा ली। शाम को जब कुछ लोग वहाँ से गुजरे तो चाचा को लटका देख हम लोगों को सूचना दी। हम हम लोग मौके पर पहुंचे और उनको फंदे से नीचे उतारकर मोंठ सीएचसी ले गए। जहां डॉक्टरों ने चाचा को मृत घोषित कर दिया।”
मृतक के बेटे बृजपाल और सुल्तान यादव या कहना है कि पिता के पास करीब 28 बीघा जमीन है। जमीन पर ढाई लाख रुपए का केसीसी कार्ड बनवाया था। पुत्र ने बताया कि पिता को केसीसी कार्ड की चिंता अधिक सताती रहती थी। कहते थे कि फसल होने पर लोन के पैसे चुका देंगे। अब फसल में नुकसान होने से पिता चिंतित रहने लगे थे। लोन और फसल बर्बाद होने से पिता ने फांसी लगाई है। ऐसा उनके परिजनों का कहना है।
मोंठ एसडीएम परमानंद सिंह का कहना है कि पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। और जो परिजन कर्ज और अन्य वजहों से सुसाइड करने की बात बता रहे हैं। टीम का गठन कर इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। और आश्वासन दिया गया है कि यदि व्यक्ति के नाम जमीन होगी तो प्रशासनिक मदद किसान के परिजनों को दी जाएगी।
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