प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों से लिया गया पैसा
संवाददाता रमेश यादव
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य गरीब और आवासीय महिलाओं, पुराने झोपड़ियों के बदले में नए आवास प्रदान करना है। यह योजना दो भागों में बाँटी गई है: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)।
यह योजना भारतीय नागरिकों को सस्ते और अच्छे आवास की पहुँच प्रदान करने का प्रयास है।
इसी लाभ को पाने के उद्देश्य से ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव से संपर्क करते हैं यह लोग नादान ग्रामीणों से अवैध रूप से वसूली करना स्टार्ट कर देते हैं।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले के श्रृंगवेरपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा मोहरब में प्रधान और सचिव आवास के नाम पर लाभार्थियों से 15000 हजार रुपया लेकर तब दी जा रही है कॉलोनी। जहां प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री गरीबी दूर करने के लिए जिनके पास आवास नहीं है उनको प्रधानमंत्री आवास में ₹120000 आवास बनवाने के लिए दिया जा रहा है।
जिसमें प्रधान और सचिव ₹15000 ले लिए और जो आवास की फोटोग्राफी करने जाते हैं जितनी बार आवास की फोटो लेने जाते हैं ₹500 हर बार उनको चाहिए अब ₹100000 में कैसे आवास बनेगा जबकि सरकार दावा करती है कि मेरी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है यहां खुलेआम भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव मिलकर गरीब जनता को लूटने का कार्य कर रहे हैं गरीब जनता का कहना है उच्च अधिकारियों द्वारा ऐसे भ्रष्ट प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है या नहीं ऐसे ही प्रधान और सचिव गरीब जनता को लूटते रहेंगे। क्या उच्च अधिकारी द्वारा इस भ्रष्टाचार पर रोक लगेगा।
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