कोनिया के तुलसीकला गांव में बही भागवत कथा ज्ञान गंगा
भदोही जिले के तुलसी कला गांव में स्व बंशीधर पाण्डेय पूर्व प्रधान परिवार में 31 अगस्त 2023 से प्रारम्भ श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस दिवस विन्ध्यधाम से आए भागवत प्रवक्ता श्री मारूति नन्दन जी महाराज ने श्रद्धालु श्रोताओं को कथा रसपान कराते हुए कहा कि जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत का पूजन करवाया तो इंद्र ने क्रोधित हो ब्रज मंडल में मूसलाधार वर्षा करवाई भगवान कृष्ण ने एक उंगली पर गिरिराज पर्वत उठाया और कहा आ जाओ गिरिराज की शरण में ऐसे ब्रज वासियों की रक्षा की।
कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए महाराज जी ने महारास वर्णन करते हुए बताया कि रास पंचाध्याई भागवत के पंचप्राण हैं रास पंचाध्याई के पठन श्रवण से सहज ही वृंदावन की भक्ति प्राप्त हो जाती है रास के दो स्वरूप नित्य और नैमित्तिक हैं नित आज भी वृंदावन में दर्शनीय होता है जो आज भी चल रहा है ।
बृंदावनम परित्याज्यपादमेकम न गच्छति।।
नित्य स्वरूप पल भर के लिए भी वृंदावन से बाहर नहीं जाता, रासलीला कामलीला ना होकर बल्कि काम पर विजय प्राप्त करने वाली लीला है कृष्ण के दो रूप वह साकार है और निराकार भी है साकार स्वरूप आज भी वृंदावन से बाहर नहीं जाता है महाराज जी ने आगे बताया भगवान श्री कृष्ण ने रजक उद्धार ,कुब्जा अनुग्रह वर्णन करते हुए मामा कंस का वध किया ,गोपी उद्धव संवाद की सुंदर व्याख्या का वर्णन किया, श्री कृष्णा अवंतिकापुरी विद्या अध्ययन करने गए और 64 दिन में 64 विद्याओं को ग्रहण किया गुरु दक्षिणा में गुरु पुत्र लाकर के दिया विद्या अध्ययन के पश्चात द्वारकापुरी का निर्माण कराया और वहां के राजा द्वारकाधीश कहलाए द्वारका में भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी जी के साथ विवाह किया विवाह में भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी की झांकी सजाई वैवाहिक गीतों पर भक्त भावविभोर हो नृत्य करने लगे
बता दें कि 6 सितम्बर 2023 को कथा प्रांगण में विद्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र, जिले, आस पास के विद्वानों, संभ्रांतजनों का सम्मान किया जायेगा। जिसमे प रामसेवक पाण्डेय के द्वारा लिखी गई संध्योपासन विधि नामक पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।
कथा में विष्णु कृष्ण द्विवेदी जी महाराज, शुभम जी, कथा वक्ता मारुतिनंदन जी महाराज, मुख्य यजमान भोले, प रामसेवक, रामजन्म पाण्डेय, आदर्श, सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
जितेंद्र पाण्डेय
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