गांव को अंधेरे से दूर करने के लिए खर्च किया गया लाखो का बजट फिर भी नहीं दूर हुआ अधेरा। ग्राम प्रधान नहीं जानते कितने के बजट से लगाई गयी ग्राम पंचायत मे स्ट्रीट लाइट।
उत्तर प्रदेश कौशांबी
रिपोर्टर अमित कुमार
कौशाम्बी। योगी सरकार की जीरो टायलेस भ्रष्टाचार की नीत महज एक ढकोसला सावित हो रहा है ऐसा कहना गलत नहीं होगा अभिलेखो से मिली जानकारी के अनुसार नेवादा विकास खण्ड के पुरखास गांव मे बीते वित्तिय वर्ष 2022-23 मे गांव मे कराये गये विकास कार्य तथा अंधेरे को दूर कर प्रकश की व्यवस्था के उदेश से 1 लाख 90 हजार का मोटा बजट निकाला गया है इतनी बड़ी रकम खर्च होने के बाद भी गांव से अंधेरा दूर नहीं हो सका है।
जब इस सम्बन्ध मे ग्राम प्रधान पुरखास अजय पाल से बात किया गया तो बताया की लगभग 100 से 150 तक की संख्या मे स्ट्रीटलाइट खरीदी गयी है जो गांव मे लगायी गयी है अब सवाल यह उठ रहा हैं कि एक जिम्मेदार ग्राम प्रधान को स्पष्ट जानकारी नहीं है की गांव के विकास मे कितने की संख्या मे स्ट्रीटलाइट खरीदी गयी जिसमे कितना बजट खर्च हुआ है और कितनी पीस लगायी गयी है। जिम्मेदार के ऐसे उत्तर से स्ट्रीटलाइट के नाम से निकाली गयी इतनी बड़ी रकम भ्रस्टाचर की ओर इसारा कर रही है जो जाँच का विषय हैं । जब इसकी जानकारी ग्रामीणों से लिया गया तो ग्रामीणों ने बताया कि लगभग पचास की संख्या मे स्ट्रीटलाइट ग्राम सभा मे लगायी गयी है जिसमे से कुछ स्ट्रीट लाइट प्रकश नहीं दे रही है। ग्रामीणों तथा ग्राम प्रधान की बातो मे अंतर पाये जाने से भ्रष्टाचार स्पष्ट समझ मे आ सकता है। अगर जनपद उच्च जिम्मेदार अधिकारीयो द्वारा सज्ञान ले कर जाँच करायी गयी तो लाखो का भ्रष्टाचार खुल कर समाने आ सकता है। जिस पर पुरखास के ग्रामीण ग्राम के विकास मे किये गये भ्रष्टाचार के जाँच की आश उच्च अधिकारीयो से लगाए बैठी है। अब देखना यह है की जिम्मेदार अधिकारी जनमानस के विचारों को कितना प्राथमिकता दे रहे है।
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