प्रतापगढ– उत्तर-प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज के पीठाधीश्वर जगद्गुरु त्रिदण्डी स्वामीं रंग रामानुजाचार्य जी महाराज के बैकण्ठ धाम स्वर्गवासी होने से सभी साधु संत महात्माओं के साथ ही उनके सभी शिष्यों में व्यापक दुख व्यक्त हो गया है।
वही स्वामी गुरूदेव महाराज के आत्मा शान्ति के लिए बैठक कर जगह जगह पर शोक सभाओ का आयोजन किये जा रहे है ।
कुण्डा तहसील क्षेंत्र के थाना हथिगवां अन्तर्गत प्राचीन भक्ति धाम मिश्रदयालपुर हनुमान नगर संकट मोंचन धाम हनुमान मन्दिर के पुजारी तपस्वी महात्मा बालयोगी जी महराज के नेंतृत्व पर एक दस मिनट का शोक सभा कर ईश्वर से प्रार्थना किया गया।
तपस्वी बालयोगी जी महराज ने कहा कि जगद्गुरु त्रिदण्डी रंगरामानुजाचार्य स्वामी जी बङे ही सज्जन ईमानदार व सरल स्वभाव के स्वामी थे।
उनसे हमारा बहुत ही परम स्नेह जुड़ा था। त्रिदण्डी स्वामी जी को कभी भुलाया नही जा सकता है और त्रिदण्डी रंगरामानुजाचार्य स्वामी 104 वर्ष की उम्र में श्रीमहर्षि दुर्वासा की गोद में समाधिस्थ हुए। उधर क्षेंत्र के विवेक जी महराज सम्मानित वरिष्ठ समाजसेवी बजरंग सेना तहसील अध्यक्ष कुण्डा एवं राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ परशुराम प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष प्रतापगढ़ के नेंतृत्व पर त्रिदण्डी स्वामी के चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए पांच मिनट का मौन व्रत रखकर बैठक सम्पन्न हुई । और वही कुण्डा क्षेंत्र के पूरे तिलौरी में त्रिदण्डी स्वामी रंग रामानुजाचार्य जी के परम शिष्यों ने भी उनकी आत्मा शान्ति के लिए शोक प्रकट कर सभाएँ लगाई और अपने गुरूदेव महाराज के बैकुण्ठवासी आत्मा के लिए ईश्वर से अपने श्रीधाम पर स्थान देने की प्रार्थनाएँ किया । इस दौरान तपस्वी बालयोगी जी महराज,कथावाचक व्यास आचार्य विष्णु कुमार मिश्र, विवेक जी महराज बजरंग सेना अध्यक्ष,विनय मिश्र,विमल कुमार, राजा बाबू,नीरज यादव,फूल चन्द्र प्रजापति,मिथुन कुमार,शौक लाल सरोज,रवि कट्टर हिन्दू,इन्दल कुमार, वीरेन्द्र कुमार,पूजा देवी,आदर्श प्रताप सिंह,राघवेन्द्र तिवारी,आशीर्वाद यादव सीमा सिंह प्रधानाचार्य,उदय सिंह, सुप्रिया सिंह,परम शिष्य रामराज शुक्ल,धर्मराजशुक्ल देवराज शुक्ल,बृजराज शुक्ल,सोमराज शुक्ल,दिवा कर शुक्ल एडवोकेट,डाक्टर प्रभाकरशुक्ल हरिकेश शुक्ल,चन्द्रकेश शुक्ल रजत शुक्ल सौरभ,अर्पित,मानस शुक्ल यदू शुक्ल रवि भूषण,शशि भूषण पवन, घन श्याम, राजेश शुक्ल राम शुक्ल आदि समेत भारी संख्या में लोंग एकात्रित होकर त्रिदण्डी रंग रामानुजाचार्य स्वामी जी के ब्राम्हलीन आत्मा के शान्ति हेतु ईश्वर से प्रार्थना किया गया।
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