बेखौफ बदमाशों ने टाइनी शाखा संचालक पर फायरिंग कर की डेढ़ लाख की लूट
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश में बड़के जिले में शुमार प्रतापगढ़ में बदमाश बेखौफ हो गए हैं। मंगलवार की सुबह हरि का पुरवा के पास टाइनी शाखा संचालक विवेक रंजन त्रिपाठी पर तीन नकाबपोश बदमाशों ने फायरिंग कर डेढ़ लाख रुपए लूट की। मौके पर पहुंचे सीओ सदर खानापूर्ति करने के बाद बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम लगाई।जिले में अच्छी पुलिसिंग का दावा करने वाले पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल की पुलिस लूट की घटना के समय मौके पर ही नहीं रास्ते के अन्य पुलिस बूथ पर भी नहीं थी।पुलिस बूथ खाली पड़े थे।पूरे रास्ते में पुलिस के न होने से बदमाश लूट की घटना को अंजाम देकर बड़े आराम से भाग निकले।
मिली जानकारी के अनुसार जेठवारा थाना क्षेत्र के नूरपुर तिवारीपुर के रहने वाले विवेक रंजन त्रिपाठी कटरा गुलाब सिंह बाजार में ग्रामीण बैंक की टाइनी शाखा संचालक हैं।विवेक रंजन लगभग नौ बजे घर से टाइनी शाखा जाने के लिए मोटरसाइकिल से निकले थे।विवेक रंजन हरि का पुरवा गांव के पहुंचे ही थे कि तभी अपाचे सवार तीन नकाबपोश बदमाशों ने विवेक पर फायरिंग कर दी।बदमाशों को देखकर विवेक रंजन ने मोटरसाइकिल रोक ली।
फायरिंग के डर से विवेक रंजन जब तक संभलता दो बदमाश उसके डेढ़ लाख रुपये, लैपटाॅप, स्वैप मशीन समेत बैग छीनने लगे।विरोध करने पर बदमाशों ने विवेक रंजन के सिर पर तमंचे का बट मारकर रुपयों से भरे बैग को लूटकर भाग निकले।घायल विवेक रंजन के शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े,लेकिन तब बदमाश भाग चुके थे।
कुंभकर्णी नींद में सो रही पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंची और विवेक रंजन को बाघराय सीएचसी ले गई।जहां प्राथमिक उपचार के बाद विवेक रंजन को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया।वर्दी की क्रीच न टूटने देने वाले सीओ सदर अमरनाथ गुप्ता मौके पर पहुंचकर टाइनी शाखा संचालक से पूछताछ की।सीओ ने बदमाशों की पहचान और धरपकड़ के लिए रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने का निर्देश दिया।
बता दें कि अपराध पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने जिले में 56 पुलिस बूथ खुलवाए हैं। जहां 24 घंटे पुलिस की मौजूदगी का निर्देश दिया गया है। सिपाहियों की ड्यूटी भी लगाई जाती है। लोगों का कहना है कि टाइनी शाखा संचालक से लूटपाट करने के बाद बदमाश पुलिस बूथ वाले रास्ते से ही भागे हैं। उस समय पुलिस बूथ पर पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे। पुलिस के अनुसार बदमाश स्थानीय ही थे। पहचान होने के भय से उन्होंने अपना चेहरे पर नकाब लगाया था।
इसे भी पढ़ें आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल और मेजर ने दिया अपना सर्वोच्च बलिदान