Download Our App

Follow us

Home » लाइफस्टाइल » माता- पिता को नजरअंदाज करना दुखद- हाईकोर्ट 

माता- पिता को नजरअंदाज करना दुखद- हाईकोर्ट 

बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल न करने पर हाई कोर्ट ने की टिप्पणी, क्षणिक फायदे के लिए माता-पिता को नजरअंदाज करना दुखद- हाईकोर्ट 

उत्तर प्रदेश प्रयागराज बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल न करने पर हाई कोर्ट ने की टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान की टिप्पणी क्षणिक फायदे के लिए माता-पिता को नजरअंदाज करना दुखद आज के युवा पर्याप्त भावनात्मक संरक्षण नहीं दे रहे हैं सरकार वरिष्ठ नागरिकों के जीवन व संपत्ति की सुरक्षा करे साथ ही कानून में बच्चों के लिए भी यह कर्तव्य है माता-पिता संबंधित डीएम को प्रार्थना पत्र दे सकते हैं उनको आवास सहित अन्य सुविधाएं पाने का अधिकार है।

कानपुर की याची सुमन की याचिका पर HC ने की टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर नगर को निर्देश दिया है।

प्रार्थना पत्र 6 सप्ताह के अंदर कानून के मुताबिक निस्तारित करें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माता-पिता से संबंधित प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दे सकते हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कानपुर की रहने वाली याची सुमन के मामले में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर नगर को निर्देशित किया गया कि प्रार्थना पत्र पर 6 सप्ताह के अंदर कानून के मुताबिक निस्तारित करें।

इसे भी पढ़ें आक्रोशित किसानों ने महापंचायत करने का ऐलान

7k Network

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Latest News

अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को 07 सितम्बर से इस दिन तक होगा खाद्यान्न का वितरण

अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को 07 सितम्बर से इस दिन तक होगा खाद्यान्न का वितरण। संवाददाता करन कुमार विश्वकर्मा