अमीरों को आवास बांटने में प्रतापगढ़ प्रदेश में दूसरे नंबर पर, 475 लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया जा चुका इनसे अब तक 99.14 लाख रुपये की रिकवरी होनी है।
अमीरों को आवास बांटने में प्रतापगढ़ प्रदेश में दूसरे स्थान पर है जिले में अब तक 475 लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया जा चुका है इनसे अब तक 99.14 लाख रुपये की रिकवरी होनी है दरअसल प्रधानमंत्री आवास को रेवड़ी की तरह बांटकर अफसरों ने अपनी जेब भर ली लाभार्थियों के खाते में जब धनराशि पहुंच गई, तो अधिकारियों को याद आया कि लाभार्थी तो अपात्र हैं।
जनपदीय टीम की जांच में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2022-23 तक प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों के बारे खुलासा हुआ कि इस दौरान जिले में 475 अपात्रों को आवास की रकम दे दी गई है शीर्ष अफसरों की पहल पर रिकवरी का नोटिस जारी किया गया मगर अब तक 475 अपात्रों से 99.14 लाख रुपये की वसूली होनी बाकी है।
दरअसल प्रधानमंत्री योजना (ग्रामीण) के तहत उन परिवारों को पक्की छत मुहैया करानी थी, जिसके पास छप्परनुमा घर था। मगर तत्कालीन प्रधानों ने वोट बैंक तैयार करने के लिए अफसरों की जेब भरी और अपात्रों के खाते में आवास की रकम भिजवाने में सफल रहे। लाभार्थियों को रुपये मिलने के बाद जब निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया, तो अभियान चलाकर जनपदीय अफसरों की टीम ने जांच की जिसमें खुलासा हुआ कि जिन लोगों के पास पहले से हवेली थी, उन्हें भी आवास दे दिया गया है।
ऐसे में उन्हें अपात्र घोषित करके रिकवरी का नोटिस थमाया गया। सवाल यह है कि अफसरों ने यह जांच अभियान पहले चलाया होता, तो शायद धनराशि के भुगतान पर रोक लग सकती थी
जिले में 475 अपात्रों से वसूली हो रही है, जो धनराशि बकाया है कि वह कर्मचारियों के वेतन से किस्त में कटौती करके की जा रही है बकाया से अधिक धनराशि की रिकवरी हो चुकी है
डॉ.आरसी शर्मा परियोजना निदेशक
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