परिंदे….
परिंदे सिर्फ उड़ना जानते हैं
परिंदे अपनी चाल को पहचानते हैं
परिंदे सिर्फ आजादी चाहते हैं
उन्हें क्या पड़ी दुनिया की
वो तो सिर्फ आसमान में
तैरना जानते हैं
आज़ादी का सुकून
ही जीवन है
परिंदो को आजाद ही रहने दो
उन्हें कैद मत करो।
आयशा अल ग़ज़ल
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश
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