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सपनो की उड़ान–

आयशा अल ग़जल

सपनो की उड़ान 

 

अपने सपनो को कभी मरने मत दो
उनको नई उड़ान दो
मंजिल भी मिल जायेगी
अगर चलते रहे यूंही
मंजिले आसानी से नहीं मिलती
पर मिल जाती हैं कोशिशों से
कभी हार मत मानना
और अपनी हर गलती से सीखना
रखना विश्वास खुद पर
विश्वास से टूट जाती हैं
चट्टानें
और बन जाता है रास्ता
पहाड़ों में भी

विश्वास जितना गहरा होगा
मंजिल होगी उतनी ही करीब
सपनो से नजर हटाकर
मुश्किलों पर डालना नहीं
आती आसानी हर मुश्किल के बाद भी
यही रखना सदा यकीन।

आयशा अल ग़ज़ल
उत्तर प्रदेश

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