हस्तिनापुर में 58फुटे रावण दहन होते ही श्रीराम के जयकारों से गूंजे
संवाददाता प्रिंस रस्तोगी
श्रीराम का तिलक लगाकर पूजन किया। शाम को विभिन्न स्थानों पर बुराई का प्रतीक रावण का पुतला धूं-धूं कर जल उठा।
दशहरा पर्व परम्परागत उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह के समय दशहरा पूजन हुआ। शाम को विभिन्न स्थानों पर मेले का आयोजन हुआ। रात्रि में 8:00 बजे भगवान राम ने रावण के पुतले पर अग्निबाण से प्रहार कर दिया। इससे पुतला धूं-धूं कर जल उठा। पुतला दहन होते ही वातावरण श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदू परंपरा के अनुसार रावण का दहन किया गया और दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। बता दें कि पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम ने अत्याचारी और अहंकारी रावण का वध किया था तभी से रावण के पुतले को हर साल दशहरा के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में जलाया जाता है। यहां हिंदू परंपरा के अनुसार रीति रिवाज से पूजन किया गया फिर आसमान में रंगारंग आतिशबाजी के बाद रावण का दहन किया गया रामलीला कमेटी अध्यक्ष गौरव गुर्जर ने बताया कि 11 दिन से लगातार रामलीला कराई गई और आज रावण दहन किया गया इस दर्शन भारद्वाज हरविंदर छाबड़ा मनोज अहलावत राजीव चौधरी आदि सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे
थाना प्रभारी रमेश चंद्र शर्मा व पुलिसकर्मी मेले जगह जगह मौजूद रहे
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