जीवन बचाने के लिए काली माता को मनाने में जुटे ग्रामीण, एक महीने के भीतर एक ही गांव के दर्जनभर लोगों की हुई मौत, कई बीमार
फाफामऊ : संक्रमण का यह काल गद्दोपुर वासियों पर भारी पड़ रहा है। बीते माह भर के दरम्यान दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है और कई बीमार हैं। माहभर के भीतर, एक ही गांव से लगातार उठ रही अर्थी से लोग सहम गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल का चक्कर लगाने के साथ-साथ लोग से दैवीय प्रकोप मानकर स्थानीय चौरा पर काली माई को मनाने में भी जुटे हुए हैं।
फाफामऊ नगर निगम की सीमा में आता है। गंगापार की महत्वपूर्ण बाजार फाफामऊ से सटा हुए एक गांव गद्दोपुरहै, जहां पर पिछले डेढ़ माह से डेंगू को लेकर कोहराम मचा हुआ है। मौतों के सिलसिला 22 सितंबर को रामकली (20) पत्नी दुलारे की मौत से शुरू हुआ, जो अब भी जारी है। जबकि हाल ही में 28 अक्टूबर को कविता कुमारी (17 पुत्री मुनीम प्रजापति की मौत हुई।
महीनेभर में जगपत्ती देवी (65) पत्नी स्व. मोतीलाल, मंजू देवी (33) पत्नी सतीश कुमार प्रजापति, लखनलाल उर्फ रामलखन (35)पुत्र रामकुमार, गुड्डी देवी (40) पत्नी ननके पटेल, सोनू पटेल (18) पुत्र नेब्बूलाल पटेल, बैजनाथ (70) पुत्र शिवनारायण प्रजापति, उमा देवी (50) पत्नी रामकैलाश सरोज, सोना देवी साहू (60) पत्नी अमृतलाल साहू, पूनम देवी (38) पत्नी अरविंद साहू की मौत हुई है। इसके अलावा पड़ोसी गांव मलाक हरहर के सुरेंद्र (30) भी डेंगू के डंक से खुद का जीवन नहीं बचा पाए।
त्योहारी सीजन होने के बावजूद लगातार हो रही मौतों से पूरे गांव मातम पसरा हुआ है। गांव के लोग इसे काली माई का प्रकोप भी मान रहे हैं। इस वजह से स्थानीय काली माई के चौरा पर लोगों के द्वारा पूजन-अर्चन भी किया जा रहा है। तो दूसरी तरफ गांवके बीमार लोगों का इलाज स्थानीय अस्पतालों, झोलाछाप डाक्टरों के यहां चल रहा है। कहने के लिए यह गांव शहर से सटा हुआ है, बावूजद इसके स्वास्थ्य महकमे के द्वारा डेंगू के डंक से बचाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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