साथ….
किसी का साथ छोड़ जाना है आसान
पर साथ निभाना उतना ही मुश्किल
साथ छोड़ कर निकल सकते हैं
पर साथ निभाकर दिखाना
हर किसी के बस की बात नहीं
साथ देने वाले हैं कम
पर वही हैं अनमोल जो देते हैं साथ
चाहे कैसे भी हों हालात
ऐसे लोग होते हैं खास
जो बेगरज साथ निभा जाए
किसी की मदद करके मिलती है शांति
जो होती है अनमोल
ऐसा सुकून खुदगर्ज लोगो को कहां।
किसी का साथ छोड़ कर मत जाना
साथ निभा कर दिखाना।
आयशा अल ग़जल
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1 thought on “साथ…”
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