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विवाहिता ने ससुरालियों को फंसाया झूठा दहेज के केश में

विवाहिता ने ससुरालियों को फंसाया झूठा दहेज के केश में

विवाहिता सात साल पहले भाग कर पांच महीने रही बहन के जेठ के साथ

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के मंझनपुर थाना क्षेत्र के संजय कुमार पुत्र केशन लाल का विवाह सन 2022 मे अनामिका वर्मा उर्फ रेनू पुत्री देवी लाल गांव निवासी कोटिया का पुरवा मजरा भरसवा थाना मंझनपुर के साथ हुआ था। और हसीं खुशी के साथ मायके से विदा हो कर ससुराल आई और हसी खुशी से ससुराल में रह रही थी लेकिन संजय कुमार के गांव का ही इंद्रजीत यादव पुत्र अंबर लाल यादव का ननिहाल विवाहिता के गांव में होने की वजह से इंद्रजीत यादव और विवाहिता खूब परिचित रहे और आना जाना भी रहा और इंद्रजीत ने ही संबंध कराया।

इस वजह से इंद्रजीत यादव का आना जाना विवाहिता के घर पर शुरू हो गया और विवाहिता भी ससुराल में किसी से बिना बताए हुए इंद्रजीत यादव के घर आने जाने लगी। विवाहिता का पति सास ससुर आने जाने पर रोक लगाने लगे तो विवाहिता ससुरालियों पर ही आरोप लगाने लगीं और इंद्रजीत यादव भी भुकतभोगी से कहा कि यदि तुम मेरे घर आने जाने में रोक लगाओगे तो जान से मार डालूंगा इस विवाद के कारण विवाहिता ने मनगढ़ंत दहेज की मांग को रचकर पति,सास, ससुर और देवर के विरुद्ध महिला थाना मंझनपुर में 498 ए/323/504/दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961(3)(4) के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया जबकि महिला थाने में मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए।

जब कि विवाहिता सात साल पहले अपनी बहन का जेठ कमलेश पुत्र केशव निवासी गांव घमसिरा के साथ भाग कर चार महीने बंबई में रही और एक माह बहन के जेठ के साथ घमसिरा में रही तब विवाहिता का पिता ने थाना मंझनपुर में आरोपी कमलेश कुमार के विरुद्ध 363/376/504 एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था और आरोपी कमलेश कुमार ने पांच महीने शरीरिक संबंध बनाने के बावजूद शादी से इन्कार कर दिया था और विवाहिता ने कोर्ट में जज के सामने बहन के जेठ के साथ पति पत्नी की तरह रहने का स्वयं बयान दर्ज कराया है।

शमसाबाद पुलिस चौकी बना कोर्ट विवाहिता का मुकदमा विचाराधीन होते हुए पुलिस ने विवाहिता के समान के साथ घर का भी उठवाया समान विवाहिता की सास ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार अब सवाल उठता है कि जब विवाहिता का पति मजदूरी करने घर से बाहर चला जाता था तो इंद्रजीत यादव विवाहिता के घर किस लिए जाता था और विवाहिता इंद्रजीत यादव के घर किस लिए जाती थी यह निर्णय तब हो सकता जब बरीकी से जांच हो।

विचाराधीन मुकदमा होते हुए शमशाबाद पुलिस किस आदेश पर विवाहिता के ससुराल जाकर विवाहिता और विवाहिता के सास के समान विवाहिता को दिलाया जबकि किसी मुवांकिल का मुकदमा विचाराधीन होने पर कोर्ट के आदेश पर समान लिया और दिया जाता है तो क्या शमसाबाद पुलिस ही कोर्ट बन गई है जो विवाहिता के पति के न रहने पर विवाहिता को समान दिलाया इस पर शमसाबाद पुलिस चौकी इंचार्ज से फोन पर बात किया गया तो शमशाबाद चौकी इंचार्ज ने कहा कि विवाहिता प्रार्थना पत्र दिया है तब पुलिस जाकर समान दिलाया है हालांकि चौकी इंचार्ज से दोनों सिपाहियों का नाम पूछा गया तो चौकी प्रभारी दोनों सिपाहियों का नाम बताने पर चुप्पी साध गए और दोनों सिपाहियों का नाम नहीं बताया।

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