ग्राम चड़ाऊ धवारी की गौशाला मे गाय का बछड़े की स्तिथि में पड़ा दिख रहा है की आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ गौवंश या गौशालाओं के लिए कितने भी बजट पास कर दे लेकिन मजाल है की ग्राम प्रधान, सचिव और तमाम सम्धित आधिकारी उस बजट को गौशालाओं पर खर्च करें, ग्राम प्रधान सचिव बीडीओ सब एक सिंडीकेट बना कर बैठे हैं और बस खाए जा रहे हैं बस खाए जा रहे हैं कागजों पर गौशाला में पर्याप्त व्यवस्थाएं अंकित होती है भूसा पर्याप्त है पानी पर्याप्त है देख भाल करने वाले पर्याप्त है कागजों में ऐसा ही सब कुछ लिखा मिलेगा, आप आधिकारी से भी पूछेंगे की फलाने गांव में गौशाला की बद से बत्तर स्तिथि है तो जवाब में वो यही कहेगा की जांच करवाते हैं जांच होने के बाद प्रधान को बुलाया जाता है कार्यवाही के नाम पर बस बन्दर बांट किया जाता है सभी आधिकारी ऐसे नहीं हैं लेकिन सभी अधिकारी वैसे भी नहीं है एक ताजा मामला बताते हैं बंगरा ब्लॉक के सभागार में सभी प्रधानों और सचिवों को बुलाकर बंगरा बीडीओ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाती हैं वहां वही सब बही बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं BDO द्वारा दिए गए सुझाव और दिशा निर्देशों को एक वीडियो छलावा साबित कर देती है सूत्रों की माने तो वीडियो ग्राम चड़रऊ धवारी की गौशाला की है जहां गाय का बछड़ा ऐसी स्तिथि में पड़ा दिख रहा है की आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगेकी करोड़ो अरबों रुपए क्या सुवे के मुखिया गायों की ऐसी इस्तिथि करने के लिए दे रहे हैं ऐसे तमाम जानवर गौशालाओं में ही दम तोड़ कर मर जाते हैं और बही सड़ गल कर मिट्टी में मिल जाते हैं अब विचार करिए कुछ आधिकारियों और कुछ ग्राम प्रधानों के सिडिकेट पर और कमेंट करके बताइए और पूछिए प्रधान जी से क्या बुलेरो से घूमने के लिए प्रधान बनाया था या गांव की सेवा करने के लिए
संवाददाता अनिल कुशवाहा
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