भारतीय टीम की सेंचुरियन में शर्मनाक हार
रिपोर्टर राज भूषण वर्मा
सेंचुरियन /भारत के कप्तान रोहित शर्मा को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है ।की उनकी टीम दक्षिण अफ्रीका को चुनौती देने में सक्षम नहीं थी ।और उन्होंने पहले टेस्ट में पारी और 32 रन की शर्मनाक हार के लिए सामूहिक प्रयास की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
भारत ने बल्ले और गेंद दोनों से लचर प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 108.4 ओवर में 408 रन बनाने देने के बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम 34.1 ओवर में 131 रन पर ढेर हो गई। मेहमान टीम ने पहली पारी में 245 रन बनाए थे।
रोहित ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा, ‘हम जीत के हकदार नहीं थे। (टॉस हारकर) बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने के बाद लोकेश (राहुल) ने हमें उस स्कोर तक पहुंचाने के लिए अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन फिर हम गेंद के साथ परिस्थितियों का फायदा नहीं उठा सके और फिर आज भी बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।’
सामूहिक योगदान से जीते जाते हैं टेस्ट मैच
उन्होंने कहा,’अगर हमें टेस्ट मैच जीतना है तो हमें सामूहिक रूप से योगदान देना होगा और हमने ऐसा नहीं किया। साथी खिलाड़ी पहले भी यहां खेल चुके हैं और हम जानते हैं कि क्या उम्मीद करनी है। हर किसी की अपनी योजना है। हमारे बल्लेबाजों को चुनौती मिली और हम अच्छी तरह से सामंजस्य नहीं बैठा पाए। यह बाउंड्री से रन बनाने वाला मैदान है, हमने उन्हें कई बाउंड्री लगाते हुए देखा लेकिन हमें प्रतिद्वंद्वी और उनकी ताकत को भी समझने की जरूरत है। हमने दोनों पारियों में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की, यही कारण है कि हम यहां खड़े हैं।’
ऐसे में नहीं नजर आती सकारात्मक बातें
मैच तीन दिन के अंदर समाप्त होने से रोहित को काफी सकारात्मक चीजें नजर नहीं आती। उन्होंने कहा,’तीन दिन के भीतर मैच खत्म करने से बहुत अधिक सकारात्मक चीजें नहीं हैं लेकिन राहुल ने दिखाया कि हमें इस तरह की पिच पर क्या करने की जरूरत है।’ राहुल ने पहली पारी में शतक लगाया था। अपनी आखिरी अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलते हुए डीन एल्गर ने शानदार 185 रन बनाए। उन्होंने इसे ‘विशेष’ पारी करार दिया और टोनी डिजॉर्जी (28) तथा मार्को यानसन(84) के साथ अपनी साझेदारी पर बात की।
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