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रेल लाइन के बगल में फिर मिली बालिका की लाश

पुलिस का मानना है कि ट्रेन की टक्कर से बालिका की हुई दर्दनाक मौत।

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के रेल लाइन के आसपास लाश मिलने का सिलसिला नही बन्द हो रहा है संदीपन घाट थाना क्षेत्र में रेल लाइन के पास फिर 20 वर्ष की एक बालिका की लाश मिली है जो तमाम सवाल छोड़ रही है शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने रेलवे लाइन के पास एक बालिका का शव देखा तो पुलिस को सूचना दी,सूचना पर पहुंची आरपीएफ और थाना पुलिस जांच में जुटी हुई है।मृतका की अभी तक शिनाख्त नही हो पाई है। घटना स्थल पर लोगों की भीड़ लगी है सूचना पर पहुंची आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने शिनाख्त करने का प्रयास किया लेकिन अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है,पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच में जुटी हुई है थाना पुलिस का कहना है कि ट्रेन की टक्कर से बालिका की दर्दनाक मौत हो गई।

बालिका की मौत के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि अगर ट्रेन से बालिका गिरती तो रेल की पटरी के पास ना गिरती क्यों कि ट्रेन पटरी से डेढ़ फिट बाहर रहती है लेकिन बालिका रेल पटरी के ठीक बगल में पड़ी हुई है जिससे इस घटना को आत्महत्या दुर्घटना कहना बकवास साबित होगा और यदि बालिका ने ट्रेन के सामने कुद कर आत्महत्या किया होता या दुर्घटना हुई होती तो बालिका के शरीर छिन्न भिन्न हो जाता शव के टुकड़े टुकड़े हो जाते बालिका के शरीर के चिथड़े उड़ जाते लेकिन बालिका के शरीर में ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिससे इस घटना को दुर्घटना और आत्महत्या कहना पूरी तरह से बिना सिर पैर की बात होगी बालिका की पूरी बॉडी रेल लाइन के बगल में सही सलामत पड़ी है जिससे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की हत्या करने के बाद लाश को रेल लाइन के किनारे फेका गया है शरीर के ऊपरी हिस्से में पेट पैर में गिट्टी के झटका के तमाम निशान है जिससे यह प्रतीत होता है कि ट्रेन गुजरने के वक्त उड़कर गिट्टियां शरीर पर लगी है जिससे शरीर पर गिट्टियों के निशान बन गए हैं यदि दुर्घटना में गिट्टियों के निशान शरीर में होते तो शरीर के नीचे के हिस्से पीठ में गिट्टियों के निशान होते शरीर के ऊपर के हिस्से पेट में गिट्टियों के निशान होने का कोई औचित्य नहीं है दूसरा सवाल है कि मृतक बालिका मोजा पहने हुए हैं लेकिन मोजे में मिट्टी नहीं लगी है यदि बालिका घर से आत्महत्या के लिए निकलेगी तो मोजा के साथ जूती पहन कर निकलेगी लेकिन बालिका के पैर में जूती नहीं है और मोजे में किसी प्रकार की मिट्टी नहीं लगी है यदि वह केवल मोजा पहनकर घर से निकलती तो मोजे में मिट्टी और कीचड़ गंदगी लगी होती लेकिन मोजा साफ सुथरा दिखाई पड़ा है जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि बालिका को रेल लाइन तक आने में जमीन पर पैर नहीं रखना पड़ा है अब सवाल उठता है कि जिंदा या मुर्दा बालिका को रेल लाइन तक लाने वाला व्यक्ति कौन है।

रेल लाइन पर अज्ञात लाशों का नहीं बंद हो रहा सिलसिला कौशाम्बी जिले के भरवारी रेलवे स्टेशन और उसके आसपास रेल लाइन पर अज्ञात लाश मिलने का सिलसिला बीते तीन दशक पूर्व शुरू हुआ है जो लगातार चल रहा है कनवार स्टेशन से लेकर सैय्यद सरावा स्टेशन के बीच आए दिन महिला या पुरुष की लाश मिलती है रेल लाइन के आसपास लाश मिलने का यह सिलसिला कई वर्ष बाद भी नहीं बंद हो सका है और तमाम गंभीर साछ्या परिस्थिति जन्य सबूत को नजर अंदाज कर पुलिस दुर्घटना लिखकर पत्रावली बंद कर देती है जब कि रेलवे लाइन पर मिलने वाली अधिकतर लाश हत्या करके फेंकी जा रही है लाश फेकने वालो तक पुलिस के लंबे हाथ नहीं पहुंच सके हैं सैनी कोखराज चरवा और संदीपन घाट थाना क्षेत्र में भरवारी कनवार और सैयद सरावा रेलवे स्टेशन के बीच 3 वर्षों के बीच कई दर्जन लाश मिल चुकी है जिनका खुलासा नहीं हो सका है।

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