जिलाधिकारी के आने के बाद नौकरशाह जो कुर्सी तोड़ा करते थे कभी-कभी तो कार्यालय में ताला भी बंद दिखाई देता था आज अपनी ड्यूटी निभा रहे है
उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले में वर्तमान जिलाधिकारी कौशांबी मधुसूदन हुल्गी जनता दरबार में 10 बजने के पहले से ही बैठ जाते हैं आम आदमी से ऐसा हंसमुख होकर के बात करते हैं कि ऐसा लगता है जैसे किसी परिवार का मुखिया अपने छोटों की बात को सुनता है लोगों को ऐसी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा अधिकारी भी कभी कौशांबी में आएंगे कहने के लिए सब लोग कह रहे थे कि दक्षिण भारतीय के हैं लोग समझते थे कि हमारी भाषा को यह समझ पाएंगे या नहीं और हम उनकी भाषा को समझ पाएंगे या नहीं यह भ्रम बना रहा किंतु यह देखा जा रहा है की जिलाधिकारी ऐसी हिंदी में साधारण भाषा में बात करते हैं ऐसा लगता है कि वह इसी जनपद के ही निवासी हैं जहां एक और जनमानस में खुशी व्याप्त है वहीं पर कामचोर अधिकारी और कर्मचारी विभाग अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर ऐसा अरमान था कि कौशांबी की जागीर इन्हीं की है और यहां की जनता इनकी नौकर है खुद जनता को नौकर समझते और अपने नौकरशाही इस प्रकार दिखाई की सब तो दरकिनार इनके चपरासी भी ऐसी भाषा में बात करते मालूम पड़ता था कि जनपद के सबसे बड़े वाला अफसर यही है जो गेट पर खड़े हैं इतना ही नहीं किसी भी विभाग में चले जाइए बिना किसी घूश या सुविधा शुल्क के किसी की कोई सुनावाई नहीं होती थी यहां तक लोग कह देते थे कि जाइए दम हो तो हमारी शिकायत कर दीजिए हम किसी को डरते नहीं है लेकिन आज उसका उल्टा देखने को मिल रहा है कि आम पब्लिक खुश है नौकरशाह जो कुर्सी तोड़ा करते थे कभी-कभी तो कार्यालय में ताला भी बंद दिखाई देता था और चपरासी है कह देता था कि साहब बाहर गए हुए हैं जब भी जाइए केवल यही उत्तर मिलता था साहब काम से बाहर गए गए हुए हैं लोगों को दफ्तर का चक्कर काटते काटते दम घुटने लगता था लेकिन सब के दर्शन व मुश्किल हो पाए थे अगर हुए भी तो इस तरह दांत कहते थे कि लगता था कि यह बेचारे अंग्रेजों के जमाने के गुलाम है आज वही जनपद है वही आम जनता है वहीं कर्मचारियों और अधिकारी हैं किंतु वर्तमान जिला अधिकारी के औचक निरीक्षण और विभागीय बैठक ऑनलाइन आवश्यक आदेशों के कारण आज अधिकारी और कर्मचारियों की नींद हवा हो गई है कभी-कभी तो चाय पान की दुकानों पर यह भी सुनने को मिला है कि अब कर्मचारी जो पूजा नहीं करते थे वह अपने काम पर आने के पहले हनुमान चालीसा का पाठ करके आते हैं कि पता नहीं अधिकारी किस तरफ दौड़ा कर जाए और हम लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाए यह मजे की बात यह है कि चाहे जिला अस्पताल हो या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां भी जाइए मरीजों की लाइन लगी रहती थी दवाएं सब बाहर से लिखी जाती थी यहां तक की पास जिला अस्पताल के अगल-बगल तमाम नर्सिंग होम खुले हैं जहां पर मरीजों को ट्रांसफर कर उनसे मोटी रकम बैठी जाती थी आज देख रहे हैं कि जिला अस्पताल पीएससी आदमी है डॉक्टर अपने सही समय पर आते हैं अब मरीजों से बात करने का लहजा जो पहले वाला था।
अचानक बड़ा बदलाव आ गया है अब रही ग्राम पंचायत अधिकारियों अब ब्लॉक कर्मचारियों की अभी शायद इनके ऊपर चाबुक नहीं चला है इसलिए अभी भी वह पुराने लकीर पर काम कर रहे हैं आज भी ग्राम पंचायत अधिकारियों के कार्यालय में एक-एक प्राइवेट मुंशी है जो मृत्यु प्रमाण पत्र जन्म प्रमाण पत्र परिवार रजिस्टर नकल के लिए लाभार्थियों को तमाम तरह की परेशानियां बात करके उनसे पैसे की लालच बनाए रखते हैं आईने के बल पर ब्लॉक कर्मचारी एसो आराम कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि बदलाव नहीं हुआ बदलाव हुआ है किंतु अभी थोड़ा सा अंदाज रहे हैं कि शायद इस तरफ डीएम साहब का ध्यान ना गया हो जहां तमाम शिकायतें हुआ करते थे प्रार्थना पत्र रेड्डी की टोकरी में फेंक दिए जाते थे आज वही वही प्रार्थना पत्र अब व्हाट्सएप के जरिए तत्काल उसे अधिकारी और कर्मचारियों के पास भेजे जा रहे हैं वह भी आदेश करके जिलाधिकारी मधुसूदन हू लगी के अगर देखा जाए तो खनन विभाग सबसे नंबर एक पर रहा बालू डंप अवैध खनन ओवर लोडिंग करते थे जिसके आवाज में मोटी रकम महीने में आया करती थी किंतु आज देख रहे हैं कि वही विभाग लगाम कस रहे हैं।
किंतु यदि सच्चाई पर इस विभाग के कमजोरी कंगाल तो शायद करोड़ नहीं अब के करीब घोटाला और भ्रष्टाचार का उजागर होना आता है इतना ही नहीं जबकि जिलाधिकारी ने शायद अभी थानों या पुलिस चौकिया की ओर अपनी नजर नहीं डाली है फिर भी पुलिस इस समय सक्रिय नजर आ रही है और थानाध्यक्ष आम जनता की सुनवाई के लिए अपने सही नियत समय पर बैठकर जनता दर्शन करते पाए जा रहे हैं सुन तो यह भी गया है की घूसखोर और आराम तलब अधिकारी और कर्मचारी या तो अपना स्थानांतरण किसी गैर जनपद में करने के जुगाड़ में लगे हैं आया तो यही मना रहे हैं भगवान से की यह जिलाधिकारी ही स्थानांतरण हो जाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शायद ऐसे जिलाधिकारी को इसलिए भेजा है की कौशांबी जनपद आज भी बहुत पीछे है और वहां की विकास योजनाएं केवल कागजों तक सीमित है उसका पर्दाफाश करने के लिए उक्त जिलाधिकारी को यहां पर तैनात किया गया है कर्मचारी और अधिकारी यह भी कहते पाए गए कि काम भी हम तेजी से कर रहे हैं फिर भी हमारा दिल धक-धक आता है की पता नहीं कब डीएम साहब की नजर हमारी और घूम जाए ऐसा अधिकारी हम पहली बार देखा है जो ना सो रहे हैं और ना सोने दे रहे हैं।
लेकिन जनपद के विद्यालयों में जिला अधिकारी का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है अध्यापक बदलाव नहीं ला रहे हैं समय से न पहुंचने के लिए अध्यापकों ने अपने जोर तोड़ शोर के साथ बायोमेट्रिक अटेंडेंस का बहिष्कार किया इससे साक्षात प्रमाण मिलता है कि अध्यापक कामचोर हैं।
इसे भी पढ़ें सावन सोमवार को जलाभिषेक करने पहुचा कांवरिया नदी में डूबा मौत