Home » लेख » कविता: देश हमारा अतिशय प्यारा, सारे जहां से यह है न्यारा

कविता: देश हमारा अतिशय प्यारा, सारे जहां से यह है न्यारा

देश हमारा अतिशय प्यारा,

सारे जहां से यह है न्यारा।

 

विस्तृत भू-भाग में यह फैला,

आंचल इसका न कहीं मैला।

 

कश्मीर से कन्याकुमारी तक,

इसकी महिमा जन- गण गाते।

 

महासागरों की गुणगाथा को,

पढ़े -निरक्षर सब को बताते।

 

पर्वतराज हिमालय में मिली,

जड़ी बूटियों से इलाज कराते।

 

गंगा, यमुना, घाघरा, कावेरी-

नदियों से खूब हरा-भरा बनाते।

 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिल,

देश को खूब तरक्की हैं दिलाते।

 

बच्चे- बूढ़े! युवक – युवतियां सब

‘नया भारत’ को हैं आगे बढ़ाते।। 

शैलेन्द्र कुमार मिश्र

साहित्यकार व प्रबंधन- सदस्य 

तुलसी देवी करुणापति स्मारक बालिका इंटर कॉलेज, तरती, तहसील -सोरांव, प्रयागराज।

7k Network

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Latest News