देश हमारा अतिशय प्यारा,
सारे जहां से यह है न्यारा।
विस्तृत भू-भाग में यह फैला,
आंचल इसका न कहीं मैला।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
इसकी महिमा जन- गण गाते।
महासागरों की गुणगाथा को,
पढ़े -निरक्षर सब को बताते।
पर्वतराज हिमालय में मिली,
जड़ी बूटियों से इलाज कराते।
गंगा, यमुना, घाघरा, कावेरी-
नदियों से खूब हरा-भरा बनाते।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिल,
देश को खूब तरक्की हैं दिलाते।
बच्चे- बूढ़े! युवक – युवतियां सब
‘नया भारत’ को हैं आगे बढ़ाते।।
शैलेन्द्र कुमार मिश्र
साहित्यकार व प्रबंधन- सदस्य
तुलसी देवी करुणापति स्मारक बालिका इंटर कॉलेज, तरती, तहसील -सोरांव, प्रयागराज।
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