डीएम बोले नियम विरुद्ध मिले ईंट-भट्ठे तो होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले में जिला पंचायत के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 180 ईंट-भट्ठे संचालित हो रहे हैं। नियमानुसार, ईंट-भट्ठा संचालकों को खनन विभाग, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उद्यान विभाग की एनओसी प्राप्त करनी चाहिए। लेकिन जिला पंचायत ने केवल खनन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी लेकर ईंट-भट्ठों के लाइसेंस जारी कर दिए हैं। फल पट्टी क्षेत्रों में ईंट-भट्ठे खोलने की अनुमति नहीं है, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए इन भट्ठों को संचालित किया जा रहा है।
डीएम की कार्रवाई जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने इस मुद्दे पर ध्यान दिलाया और मामले को जिलाधिकारी मधुसूदन हुगली के सामने उठाया। डीएम ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उद्यान विभाग से शासन की ओर से जारी आदेश और ईंट-भट्ठों की एनओसी से संबंधित दस्तावेज तलब किए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जिलाधिकारी इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और अवैध ईंट-भट्ठों को बंद करवाकर बागवानी क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।जनपद के चायल, मूरतगंज, कड़ा समेत अन्य ब्लॉक में लगभग 3200 हेक्टेयर में अमरूद और आम की बागवानी होती है। शासन ने जिले के 46 गांवों को फल पट्टी घोषित किया है। लेकिन इन फल पट्टी क्षेत्रों में संचालित ईंट-भट्ठों से होने वाला प्रदूषण बागवानी को नुकसान पहुँचा रहा है, जिससे बागवानी क्षेत्र आधे से भी कम रह गया है।कौशांबी में बागवानी की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे 180 अवैध ईंट-भट्ठों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिला अधिकारी ने इस संबंध में शासनादेश और एनओसी से संबंधित दस्तावेज उद्यान अधिकारी से तलब किए हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि डीएम ठोस कदम उठाकर बागवानी को सुरक्षित करेंगे।
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