दीपावली है खुशियों का प्रतीक
दीपावली का त्योहार हर साल हमारे जीवन में एक नई रोशनी और उमंग लेकर आता है। इस त्योहार पर न केवल बड़े बल्कि नन्हें बच्चों के चेहरे भी उत्साह और खुशियों से खिल उठते हैं। रंग-बिरंगी रोशनी, मिठाइयों की महक, और पटाखों की आवाज़ के बीच बच्चों का जोश देखते ही बनता है। दीवाली पर बच्चों का विशेष आकर्षण पटाखे और आतिशबाजी होती है, जिसे वे बड़े उत्साह से जलाते हैं। हालांकि अब कई परिवार और बच्चे पर्यावरण का ख्याल रखते हुए कम या बिना पटाखों वाली दीवाली मनाने लगे हैं, जिससे वातावरण भी स्वच्छ रहता है और खुशियां भी बांटी जाती हैं।
बच्चों के लिए दीपावली का मतलब सिर्फ पटाखों तक ही सीमित नहीं है। वे इस पर्व को सजावट, नए कपड़े, रंगोली, मिठाइयों और परिवार के साथ बिताए गए खास पलों के रूप में भी देखते हैं। स्कूलों में भी दीपावली के अवसर पर छुट्टियां होती हैं, जिससे बच्चों को अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। घरों की सफाई और सजावट के दौरान वे अपने माता-पिता की मदद करते हैं, जिससे उनका जुड़ाव इस त्योहार से और भी बढ़ जाता है।
इस दौरान बच्चे अपने हाथों से मिट्टी के दीये सजाते हैं और रंगोली बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। कई परिवारों में दीवाली पर विशेष रूप से बच्चों के लिए पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाता है, जहां वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खेलते हैं। इसके अलावा, मंदिरों और घरों में पूजा-अर्चना में बच्चों की भागीदारी देखी जाती है। यह उन्हें हमारी संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ता है।
दीवाली पर मिठाइयां और चॉकलेट बच्चों के लिए विशेष आकर्षण होती हैं। इस समय बाजार में कई तरह की मिठाइयां उपलब्ध होती हैं और बच्चे उन्हें चाव से खाते हैं। कई बार परिवार के सदस्य बच्चों के लिए खास तरह की मिठाइयां तैयार करते हैं, जिसे वे बड़े प्रेम से खाते हैं। दीवाली पर उपहार मिलने का भी एक विशेष आनंद होता है। बच्चे उपहार के रूप में नए कपड़े, खिलौने, किताबें और चॉकलेट पाकर बेहद खुश होते हैं।
दीपावली का त्योहार बच्चों के लिए खुशियों और मस्ती से भरा होता है। इस दिन नन्हें बच्चों के चेहरे पर जो मुस्कान देखने को मिलती है, वह इस त्योहार की असली खूबसूरती है।
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