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तुलसी देवी करुणापति स्मारक बालिका इंटर कॉलेज’ में धूमधाम से मनाया गया बालदिवस

बालदिवस पर विद्यालय के पुस्तकालय को लगभग 50000 की पुस्तकें दान में देने की घोषणा की- सूर्य नारायण पांडेय पूर्व प्रधान

उत्तर प्रदेश प्रयागराज जनपद होलागढ़ ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा तरती स्थित ‘तुलसी देवी करुणापति स्मारक बालिका इंटर कॉलेज’ में पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। मुख्य अतिथि मऊआइमा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख व वरिष्ट भाजपा नेता सुधीर कुमार मौर्य ने अपने प्रेरक उद्बोधन से छात्र- छात्राओं का मनमुग्ध कर लिया। उन्होंने कहा कि -सभी धर्मों के मंदिर से शिक्षा मंदिर श्रेष्ठ होता है और इस मंदिर में सीखी हुई बातें जीवन भर काम आती हैं। अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कभी मैं भी आप सब की तरह विद्या मंदिर का एक छात्र था और मैंने जो भी सीखा है छात्र जीवन से ही सीखा है।

विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रधान, बभनपुर श्री सूर्य नारायण पाण्डेय ने विद्यालय -परिवार की धरोहर में वृद्धि करते हुए ‘विद्यालय पुस्तकालय’ को अपने घर की लगभग 50000 की पुस्तकें दान में देते हुए घोषणा किया कि शीघ्र ही इसे मैं अपने साधन से विद्यालय में पहुंचा दूंगा। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में चारों वेद, 18 पुराण और तमाम ज्ञानवर्धक पुस्तकें हैं छात्र इन्हें पढ़ेंगे और घर भी ले जा सकते हैं। इतना ही नहीं गांव घर के लोगों का भी आवाहन किया कि इस पुस्तकालय का लाभ उठाएं और अपने घर में तमाम इधर-उधर बिगरी हुई किताबों को लाइब्रेरी में दान दें कर पुस्तकालय की किताबों में वृद्धि करें और इसका लाभ उठाएं छात्र-छात्राओं ने मुख्य अतिथि तथा आगंतुक अतिथियों का स्वागत गीत, हिंदी अंग्रेजी भाषण तथा समूह नृत्य से मन मोह लिया।

विद्यालय कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानाचार्य तथा साहित्यकार शैलेन्द्र कुमार मिश्र ने छात्र- छात्राओं को पंडित जवाहरलाल जी के नाम के साथ ‘नेहरू’ शब्द जुड़ने की कहानी के साथ-साथ नेहरू जी को गुलाब का फूल और बच्चे बहुत प्रिय होने के कारण ही बच्चे भी नेहरू जी को ‘चाचा नेहरू’ कह कर पुकारा करते थे।

पूर्व प्रधानाचार्या व काशी -प्रयागराज की सुप्रसिद्ध लोकगायिका डॉ०शिवा मिश्रा ने अपनी शिक्षा ग्रहण करने की कहानी बताते हुए कहा कि बच्चों, मेरा विवाह जब हुआ था तब मैं कक्षा 10 में ही पढ़ती थी, लेकिन मैं ने शिक्षा का महत्व समझते हुए अपनी पढ़ाई कभी भी बंद नहीं की और फिर इंटर,बी०ए० एम०ए०,एल एल बी,एल०टी, आईटीआई और पी०एचडी की डिग्री हासिल की!

सांस्कृतिक कार्यक्रम की समाप्ति पर मुख्य अतिथि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत किया। प्रधानाचार्या ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के साथ-साथ आए हुए अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों को बालदिवस पर इतना अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए बधाई देते हुए टाफी वितरित कर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।

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