मवाना– हिमाचल प्रदेश से पधारे हुए अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता पूज्य श्री हरि जी महाराज जिनकी अमृतवाणी से 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा का वाचन किया जा रहा है कथा के मुख्य अजमान श्रीमती रेखा देवी सुभाष सिंह गुर्जर परिवार जिन्होंने व्यासपीठ पर पहुंचकर पूज्य महाराज श्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया शिव महापुराण का पूजन किया और शिव महापुराण की आज सातवें दिवस की दिव्य आरती प्रारंभ की आरती में पधारे हुए अतिथि गण एवं कथा सुनने हेतु पधारे समस्त भक्त परिवार उपस्थित रहे शिव महापुराण की कथा के माध्यम से आज छठवां दिवस पर पूज्य महाराज श्री ने नारद मोह की कथा का वर्णन किया पूज्य महाराज श्री ने बताया एक बार नारद जी तपस्या करने गए इंद्रदेव को ऐसा लगा कि नारद जी कठोर तपस्या कर मेरा इंद्रासन प्राप्त कर लेंगे इस डर की वजह से देवराज इंद्र ने कामदेव को नारद जी की तपस्या भंग करने का आदेश किया स्वयं कामदेव भी नारद जी की तपस्या को भंग नहीं कर पाए फिर देवराज इंद्र ने नारद जी से क्षमा याचना मांगी यह सुनकर कि स्वयं कामदेव भी मेरी तपस्या को भंग नहीं कर पाए हैं नारद जी को अभिमान हो गया वह पहले ब्रह्मा जी के पास गए फिर विष्णु भगवान के पास गए फिर स्वयं भोलेनाथ के पास गए और भोलेनाथ को बोला हे प्रभु जिस कामदेव को आप भी नहीं हरा पाए उस कामदेव को मैंने जीत लिया है तीनों देवता नारद जी का यह स्वभाव देखकर आश्चर्यचकित रह गए फिर भगवान विष्णु ने अपना हरि रूप देकर नारद जी के मुंह को दूर किया और नारद जी को बंदर का चेहरा प्रदान किया प्रभु भोलेनाथ की कथा के माध्यम से पूज्य महाराज श्री ने एक पक्षी की कथा के बारे में बताया कि एक जंगल में भोलेनाथ का मंदिर था जहां कभी पूजा नहीं होती थी एक पक्षी कुछ प्रसाद पाने के लिए भोलेनाथ के मंदिर पहुंचे और जैसी ही अपनी पंखों से हवा की तो उसकी आसपास की सारी मिट्टी साफ हो गई भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और उसे काशी विश्वनाथ के राजा की बेटी बनने का आशीर्वाद प्रदान किया यह भोलेनाथ की कथा का सुंदर महत्व है भोलेनाथ की शक्ति भोलेनाथ की कथा और भोलेनाथ की पूजा करने से अनेकों फल प्राप्त होते हैं
संवाददाता- प्रिंस रस्तोगी
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