त्यौहार
त्यौहार और हर्ष उल्लास
मन में है उत्सव और खुशियां
गरबा की रौनक से जगमगा रहा आंगन
नाच रहे सब दिल खोल के
जी उठा घर आंगन
इसी तरह बनी रहे खुशियां
और नाचता रहे मन
यही है हर उत्सव की खुशियां
यही है हर उत्सव का लक्ष्य
इसी तरह खिलती रहे खुशी और मिलते रहे लोग।
आयशा अल ग़जल
सुल्तानपुर
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