श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण जन्म पर झूम उठे श्रद्धालु
भगवान श्री कृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया
उत्तर प्रदेश अझुवा कौशांबी जिले में आदर्श नगर पंचायत अझुवा के वार्ड नंबर 4 मुख्य यजमान उदय वीर सिंह के आवास पर आयोजित श्री मद भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक आचार्य नंद जी महराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर विस्तृत वृतांत बताया है द्वापर युग में श्री कृष्ण ने बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था अष्टमी तिथि को रात काल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना है।
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन के अवसर पर आचार्य द्वारा प्रभु श्री कृष्ण जन्मोत्सव का वृतांत दर्शाया गया है कृष्ण जन्मोत्सव का वृतांत देखकर श्री भागवत कथा में उपस्थित भक्त भाव विभोर हो गए और जमकर तालियां बजाई गई कथा के दौरान जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा इस दौरान लोग खुशी से झूमने नाचने लगे।
आचार्य नंद महाराज ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने मात्र से हर प्राणी को मोक्ष की प्राप्त होती है उन्होंने कहा कि भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे ग्रहण करने मात्र से ही मन को शांति मिलती है भागवत कथा सुनने से अहंकार का नाश होता है कथावाचक नंद महाराज ने बताया कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि त्राहि मच गई ,अत्याचार अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्री कृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया आयोजन आयोजक उदयवीर सिंह ने सपत्नी आरती व पूजा पाठ किया इस दौरान आशुतोष सिंह सहित सैकड़ों भागवत कथा प्रेमियों ने विशेष झांकियों एवम प्रसंगों को सुनकर भाव विभोर हो गए वहा पर उपस्थित लोग।
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