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भक्त और भगवान की महिमा का गुणगान

ध्रुव के चरित्र का वर्णन कर, भक्त और भगवान की महिमा का गुणगान

भदोही| कोनिया क्षेत्र के भुर्रा में 20 नवम्बर सोमवार से 26 नवम्बर रविवार तक प विजय तिवारी परिवार द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के द्वितीय दिवस के अवसर पर श्रीमद भागवत कथा के कथा व्यास पं. आनन्द मिश्रा (पाराशर) ने द्वितीय दिवस की कथा के दौरान ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। पं. आनन्द मिश्रा व्यास ने कहा कि नारद के शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मनमोह लिया। जिससे अपना और अपने परिवार का नाम अमर कर लिया।
भागवत कथा के महामात्मय के प्रसंग को आगे बढा़ते हुए पाराशर महाराज ने कहा कि भागवत ही भगवान विष्णु का वांगमय स्वरूप है। श्रीमदभागवत भगवान का ही अक्षरावतार है। भक्त भगवान, वक्ता श्रोता के धर्म की विवेचना करते हुए कथा व्यास ने बताया कि वक्ता का चरित्र स्वच्छ होना चाहिए, वहीं श्रोता भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। वक्ता प्रेरणा का पुंज होना चाहिए। व्यास ने कहा कि भगवान ही जीव का उद्धार करते हैं। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में पांडवों के वंशावली का सुन्दर वर्णन किया। व्यास आनन्द मिश्रा पाराशर ने अपने व्याख्यान में बताया कि जैसा आप खाओगे अन्न, वैसा ही होगा आपका मन।
कथा को आगे बढ़ाते हुए युधिष्ठिर द्वारा प्रश्न प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया। कथा के दौरान कोनिया क्षेत्र से बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे। कुलगुरु नारायणदास केशवदास जी, कुलपुरोहित प ओंकार नाथ शुक्ला, मुख्य यजमान गीता देवी,विजय शंकर तिवारी के साथ रामराज तिवारी, चक्रधर, लल्लू उपाध्याय, छोटेलाल कोटेदार , बलन सिंह, प्रदीप तिवारी, अभय शंकर तिवारी सहित बड़ी संख्या में सनातनी भक्त मौजुद रहे।

जितेन्द्र पाण्डेय

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