लाइन ठीक करते समय लाइनमैन की गई जान
संवाददाता / रंग बहादुर वर्मा
बिजली की लाइन ठीक करते समय करंट की चपेट में आने से जान गंवाने वाले लाइनमैन धर्मेंद्र का शव शुक्रवार को घर पहुंचा तो परिजन रोने-बिलखने लगे। चीख-पुकार के बीच परिजन 25 लाख की मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग पर अड़ गए।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मौके पर उन्हें मनाने के सभी प्रयास विफल हो गए।
कंधई के रामपुर कांपा निवासी रामदीन प्रजापति का बेटा धर्मेंद्र प्रजापति तीन वर्ष से सोनाही उपकेंद्र पर लाइनमैन का काम करता था। बृहस्पतिवार की शाम शटडाउन लेकर रूदापुर मौलानी गांव में बिजली की लाइन ठीक करने गया था। अचानक करंट की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गया। उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
परिजन शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर घर पहुंचे तो मां सूरसती, पत्नी संगीता की रोते-रोते हालत बिगड़ गई। बड़े भाई राजेश प्रजापति ,बहन पूनम और रंजना भी रोती-बिलखती रहीं। मृतक धर्मेंद्र के पिता ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि तीन वर्ष पहले उसके बेटे को जेई रणविजय सिंह से काम करा रहे थे।
काफी जद्दोजहद के बाद कंधई पुलिस ने संविदा कर्मचारी विजय गौतम व करुणेश के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए मनाती रही, लेकिन लाइनमैन के घर वाले मांग पूरी होने तक शव रखने की बात करने लगे। परिजनों का कहना था कि घटना के बाद न तो बिजली विभाग का अधिकारी उनके घर आया और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दूरी बनाए रखी। थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि दो कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
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