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लोग नास्तिक क्यों हैं?

 लोग नास्तिक क्यों हैं, सबसे अधिक नास्तिकता वाला देश कौन सा है?

नास्तिकता की सूची में चीन पहले स्थान पर आता है। चीन में लगभग 91% लोग नास्तिक हैं।

  • आस्तिक और नास्तिक कौन होता है?

आस्तिक वह व्यक्ति होता है जो एक ईश्वर में और उसके सभी गुणों में विश्वास करता है। वहीं दूसरी ओर नास्तिक वह व्यक्ति होता है जो यह मानता है कि कहीं कोई ईश्वर नहीं है। 

  • नास्तिक भगवान पर विश्वास क्यों नहीं करते?

निःसंदेह नास्तिक परमात्मा में विश्वास रखने वालों की निंदा करते हैं। नास्तिक लोग तो यह भी मानते हैं कि धार्मिक पुस्तकों में वर्णित दावे और कहानियाँ मनगढ़ंत हैं। इसके अलावा वह इस बात में विश्वास रखते हैं कि लोगों का ब्रह्मांड में होना सबसे महत्वपूर्ण है और यही वास्तविकता है। केवल यही नहीं स्वर्ग या नर्क की धारणा उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है।

  • क्या नास्तिक व्यक्ति मानव जीवन के अस्तित्व की व्याख्या कर सकता है?

देखिए नास्तिक भी बाकी तर्कवादियों की तरह अपने अस्तित्व की व्याख्या नहीं कर सकते और दुनिया के सभी शोधकर्ताओं के पास अभी भी इस बात का कोई समाधान नहीं है कि, “मां के गर्भ में भगवान कोशिका में ऐसा कौन सा जीवन डालता है कि जिससे मानव शरीर का निर्माण होता है?” यहां तक की बिग बैंग सिद्धांत सहित सृष्टि की उत्पत्ति के बारे में सभी सिद्धांत भी इस प्रश्न का उत्तर देने में असफल हैं।

  •  नास्तिकता संसार में कैसे फैली?

पहले तो सभी लोग ईश्वर में विश्वास किया करते थे और पवित्र शास्त्रों के अनुसार पूजा भी करते थे। लेकिन धीरे–धीरे लोगों ने शास्त्र विरुद्ध पूजा करना शुरु कर दिया परंतु उससे उन्हें कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ। यही कारण था की लोगों के विश्वास में गिरावट आ गई। इस धारणा यानी “तर्क और साक्ष्य” पर चलते हुए आधुनिक विज्ञान उसका गलत इस्तेमाल कर रहा है । 16वीं शताब्दी में नास्तिकता का जन्म हुआ और तो और नास्तिक लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि हर कोई नास्तिक ही पैदा हुआ है।

  • नास्तिकता की जड़ें क्या हैं?

यह बात कड़वी है लेकिन सच्ची भी है कि अज्ञानी धार्मिक नेता, संत और पूजारी अपने भगवान के बारे में अपने विचारों का समर्थन करने के लिए सबूत देने में असफल रहे हैं। इससे हुआ यह की सच्चे संतों द्वारा जब सत्य ज्ञान दिया गया और परमात्मा की सही जानकारी बताई गई तो इस पर सवाल और अस्पष्टता पैदा हो गई। इसके अलावा लोगों को धार्मिक ग्रंथों की प्रमाणिकता पर भी शक होने लगा। केवल यही नहीं इससे ईश्वर के होने पर भी सवाल उठने लगे। इस प्रकार लोगों ने धर्म को अस्वीकार करना शुरू कर दिया।

  • नास्तिकता के तीन प्रकार क्या हैं?

नास्तिकों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: गैर-धार्मिक, अविश्वासी और अज्ञेयवादी।

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