रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने राज्य में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते, सह संयोजक ऋषि गुप्ता और वकील भारती ने कहा है कि राज्य में अभी तक 3.17 लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान संग्रहण केंद्रों में अव्यवस्था के कारण एक दाना अनाज भी नहीं बेच पाए हैं। औसत भूमिधारिता को ध्यान में रखा जाएं, तो इन किसानों द्वारा उत्पादित धान की मात्रा लगभग 10 लाख टन है। राज्य सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर इस धान की कुल कीमत 3100 करोड़ रुपए होती है। यदि सरकारी खरीदी की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाती, तो इन छोटे किसानों को अपनी फसल खुले बाजार में औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि सरकारी आदेश के अनुसार कल धान खरीदी का अंतिम दिन है। किसान सभा नेताओं ने कहा है कि धान उपार्जन से बचने के लिए राज्य सरकार ने अनेक तरह के बहाने बनाकर खरीदी की रफ्तार धीमी की है। यदि भाजपा राज्य सरकार द्वारा लागू 21 क्विंटल प्रति एकड़ के पैमाने को भी गणना में लिया जाएं, तो ऐसे किसानों की संख्या 6 लाख से ऊपर पहुंच जाती है, जो अभी तक अपना पूरा धान नहीं बेच पाए हैं। ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा को बढ़ाने की जरूरत है।
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