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डीएम से हुई सीडीपीओ के भ्रष्टाचार और तानाशाही की शिकायत

भ्रष्टाचार और घूसखोरी में डूबे हुए कुछ कर्मियों के रवैया में अभी भी सुधार नहीं हुआ है

उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार और घूसखोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। बीते दिनों के दौरान तमाम भ्रष्ट और घूसखोर कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सलाखों के पीछे डाला जा चुका है। लेकिन पिछली सरकार के दौरान से भ्रष्टाचार और घूसखोरी में डूबे हुए कुछ कर्मियों के रवैया में अभी भी सुधार नहीं हुआ है और सरकार की आंखों में धूल झोंक कर अपने आचरण से सरकार की छवि खराब करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिले के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में बीते साल फतेहपुर जनपद से स्थानांतरित होकर सीडीपीओ मनोज कुमार भ्रष्टाचार और तानाशाही की शिकायतों को लेकर विवादों में रहे हैं। जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में आंगनवाड़ी सहायिका ने गम्भीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।मामले में जिलाधिकारी की नाराजगी से विभाग में हड़कंप मच गया है।

गौरतलब है कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में बीते साल फतेहपुर जनपद से स्थानांतरित होकर आए सीडीपीओ मनोज कुमार को जिले की कड़ा और सिराथू परियोजना का प्रभारी नियुक्त किया गया है। तैनाती के कुछ दिनों बाद से ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वसूली और भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों को लेकर चर्चा में हैं। विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फतेहपुर जनपद में तैनाती के दौरान खजुहा बाल विकास परियोजना का सीडीपीओ बनाया गया था| वहाँ भी इनके खिलाफ भ्रष्टाचार और वसूली की गंभीर शिकायतों को लेकर आंगनबाड़ी संघ ने धरना प्रदर्शन किया था| मामले की गूंज शासन तक पहुंचाने के बाद सीडीपीओ मनोज कुमार को जनपद कौशांबी स्थानांतरित कर दिया गया था| बताया जाता है कि जिले में भी इनके पुराने रवैया में कोई बदलाव नहीं आया है।

बाल विकास परियोजना सिराथू के आंगनबाड़ी केंद्र पतेरिया रामपुरवा की आंगनवाड़ी सहायिका फूलमती ने सोमवार महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष माया सिंह के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम राजेश कुमार राय को दिए गए शिकायती पत्र में सीडीपीओ के ऊपर भ्रष्टाचार और तानाशाही का गंभीर आरोप लगाया है। बताया है कि बीते दिनों फर्जी आरोप के आधार पर उसे आंगनवाड़ी केंद्र के कार्यों से पृथक करते हुए मानदेय पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन जांच में निर्दोष पाए जाने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी कौशांबी ने 19 सितंबर 2023 को आदेश जारी करके सीडीपीओ सिराथू को आंगनवाड़ी केंद्र का कार्य सौंपे जाने और मानदेय देने के लिए कहा था। लेकिन सीडीपीओ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए सहायिका से 25 000 रुपए रिश्वत की मांग सामने रख दिया| आरोप है कि रिश्वत नहीं देने के कारण बीते सात माह से उसे मानदेय नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से उसके सामने भुखमरी के हालात पैदा हो चुके हैं। मामले की जानकारी मिलते ही डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। डीएम के आदेश से विभाग में हड़कंप मच गया है और आरोपित सीडीपीओ को निर्दोष साबित करने की जुगत लगाई जा रही।

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