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अहिल्या उद्धार की कथा सुनकर लोगों ने की भगवान श्रीराम की जय जयकार

चौथे दिन की कथा में भगवान श्रीराम की बाल लीला से लेकर सीता स्वयंवर तक की लीला प्रसंग का हुआ वर्णन

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के सिराथू ब्लॉक के रामपुर धमावा स्थित अघोरीबाबा कुटी मे सोमवार 3 जून से चल रही साप्ताहिक श्रीरामकथा के चौथे दिन भगवान श्रीराम की बाल लीला से लेकर सीता स्वयंवर और सीता राम विवाह तक की लीला प्रसंग की कथा का वर्णन कथावाचक सुधीरानंद जी महाराज द्वारा किया गया। सुधीरानंद जी ने कथा के चौथे दिन भगवान श्रीराम और तीनो भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की बाल लीलाओं का सुंदर लीला प्रसंग सुनाया जिसे सुनकर भक्तजन आनंदित हो उठे।आगे की कथा में बताया कि ताड़क वन में ऋषि मुनियों द्वारा यज्ञ करने में तमाम राक्षस और राक्षसियां विघ्न डालती थीं जिस से ऋषि मुनियों को बड़ा कष्ट होता था। इस पर ऋषि विश्वामित्र ने अयोध्या आकर राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को यज्ञ कार्य की रक्षा हेतु भगवान श्रीराम को वन भेजने का आग्रह किया। राजा दशरथ की आज्ञा पाकर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र जी के साथ ताड़क वन पहुंचे जहां उन्हें खर दूषण नामक राक्षस मिले जिन्हे भगवान श्रीराम ने मारकर समुद्र के पार पहुंचा दिया। इसके बाद ताड़का नामक राक्षसी भगवान श्रीराम से युद्ध करने पहुंची जिसे भगवान श्रीराम ने युद्ध में मार गिराया और ऋषि मुनियों के यज्ञ कार्य को सम्पन्न कराया।

इसके बाद ऋषि विश्वामित्र जी के साथ भगवान श्रीराम और लक्ष्मण राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर में भाग लेने हेतु जनकपुर की ओर चले। रास्ते में एक शिलापट दिखाई दी जिसे भगवान श्रीराम ने अपने चरणों से स्पर्श किया। शिलापट में भगवान श्रीराम के चरण स्पर्श करते ही अहिल्या नाम की नारी उत्पन्न हुई जो भगवान की स्तुति करते हुए सद्गति को प्राप्त हुई। भगवान श्रीराम द्वारा अहिल्या उद्धार की कथा सुनकर भक्तजन भगवान की जय जयकार करने लगे।

इसके बाद भगवान श्रीराम जनकपुर पहुंचे और सीता स्वयंवर में शिव धनुष भंजन किया। शिव धनुष के टूटने से परशुराम जनकपुर पहुंचे और क्रुद्ध हो उठे। अंत में भगवान श्रीराम जी द्वारा अनुवय विनय करने से परशुराम जी शांत हुए और फिर सीता जी से भगवान श्रीराम जी का विवाह हुआ। सीताराम विवाह की लीला प्रसंग सुनकर भक्तजन भाव विह्वल हो उठे। इस अवसर पर प्रशांत केसरी, सीताराम केसरी, भानू प्रताप सिंह, सचिन केसरवानी, राजेश केसरवानी, कराची सिंह, रवि सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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