यह कैसी जांच है जो 7 वर्ष बाद भी पूरी नही हो सकी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री -स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की विधायक डॉक्टर रागिनी में जौनपुर मेडिकल कॉलेज को लेकर जमकर बहस हुई।रागिनी ने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज की बदहाली और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल पूछा था।इसके जबाव में डिप्टी सीएम ने कहा कि जौनपुर का मेडिकल कॉलेज सपा की सरकार में बनना शुरू हुआ था। उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। सरकार भ्रष्टाचार की जांच करवा रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। डिप्टी सीएम के इस जवाब पर सपा के विधायकों ने हंगामा कर दिया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दी।
सपा विधायक ने क्या सवाल पूछा था जौनपुर के मछलीशहर से सपा विधायक डॉक्टर रागिनी ने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया। रागिनी ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का रटा-रटाया जवाब देती है। सरकार हर सवाल के जवाब में एक ही जवाब देती है कि हमनें इतने जिला अस्पताल, इतने मेडिकल कॉलेज, इतने डायलिसिस मशीनें और इतनी एंबुलेंस दिए हैं।रागिनी ने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज की कुछ तस्वीरें दिखाकर वहां की बदहाली का सवाल उठाया।रागिनी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में काला पानी तैर रहा है,बिल्डिंग्स बनने से पहले ही खंडहर हो चुकी हैं,मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट धरना दे रहे थे। रागिनी ने कहा कि उन छात्रों के पास न बिजली है न पानी। केंद्र में लगातार तीन बार सरकार बनने के बाद भी अगर यह स्थिति है तो यह शर्मनाक है।इसके साथ ही रागिनी ने गरीब और गंभीर रूप से बीमार लोगों को समय पर सही इलाज कराने के लिए प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों को पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप)मोड में लाने की अपील की। रागिनी ने सवाल पूछा था कि गंभीर रोगों से जूझ रहे गरीब मरीजों के लिए सरकार कौन-कौन सी योजनाएं चला रही है।
उपमुख्यमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में क्या कहा इसके जवाब में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि जौनपुर का मेडिकल कॉलेज समाजवादी पार्टी की सरकार में बनना शुरू हुआ था।मेडिकल कॉलेज बनाने का ठेका टाटा की कंपनी को मिला था इन लोगों ने टाटा के अधिकारियों पर दबाव बनाकर एक व्यक्ति को ठेका दिलवाया और वह भगोड़ा साबित हुआ।वह काम की गुणवत्ता खराबकर पैसे लूटकर खा गया, उसकी जांच चल रही है। उपमुख्यमंत्री के इस जवाब पर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।सपा के विधायक कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी।
डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन पर भी उठा सवाल सपा विधायक डॉक्टर रागिनी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि एक समय था जब डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन में डॉक्टर की नियुक्ति होती थी।इस सरकार को लगता है गूगल खोलकर आप डॉक्टर बन जाएंगे और ए टू जेड आपको सब पता चल जाएगा तो यह आपकी गलतफहमी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन जब तक एक डॉक्टर नहीं होगा, तब तक उसे पता नहीं चलेगा कि आपके स्वास्थ्य में व्यवस्था ठीक कैसे होगी। रागिनी ने कहा कि इस सरकार में केवल मरीजों का ही नहीं बल्की डॉक्टरों का भी बुरा हाल है।मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि क्या सरकार इस पद को बदलकर आईएएस की जगह किसी डॉक्टर को देगी।
इसके जवाब में ब्रजेश पाठक ने कहा कि माननीय सदस्य का सवाल मेडिकल एजुकेशन विभाग का है,लेकिन मैं बता दूं कि उत्तर प्रदेश ने सरकार ने कैबिनेट से यह निर्णय पास किया है।इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं।कहीं कोई दिक्कत नहीं है। ब्रजेश पाठक के इस जवाब से सपा विधायक डॉक्टर रागिनी संतुष्ट नहीं हुईं।
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