गाली-गलौज करते हुए बहुत तेजी से वायरल हो रहा बाघराय थाना प्रभारी व उपनिरीक्षक का वीडियो
- बाघराय थाने का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें थाना दिवस के दिन जनसुनवाई की पिच पर की जा रही ताबातोड़ बोल-बाजी
उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले के बाघराय थाने का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।जिसमें थाना दिवस के दिन जनसुनवाई की पिच पर की जा रही ताबातोड़ बोल-बाजी।
स्ट्राइक पर जबरजस्त अश्लील/आपत्तिजनक शब्दों के साथ पूरी ताकत से स्ट्रोक लगा रहे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार,तो नानस्ट्राइक पर बैठे बाघराय के पूर्व सब-इंस्पेक्टर भृगुनाथ मिश्र कर रहे अश्लीलता व गुंडई पूर्ण अक्रामक बोल-बाजी जमीनी विवाद में सामूहिक स्थल पर लगभग 70 साल के ऊपर उम्र वाले बुजुर्गों को थाने में दी जा रही गालियां,बुजुर्गों को बिना संतुष्ट किए थाने में बनाया जा रहा पक्षपात पूर्ण दबाव।
बुजुर्गों को कुत्ता साले कहते हुए उनके मां को दी जा रही गालियां,आखिर किस सेक्शन/धारा अन्तर्गत संविधान थानें में बैठे प्रभारी को गाली-गलौज करने अधिकार देता है?यह बड़ा ज्वलंत सवाल है राजस्व मामले में पुलिस जितना रुचि लेती है उतना अन्य मामलों में क्यों नही रुचि लेती है ? चोरी व अन्य अपराधिक मामले में घुटने बल रेंग रही थाना प्रभारी प्रदीप कुमार के नेतृत्व में बाघराय पुलिस ऐसे ही पुलसिया रौब में क्यों नही आती है, यह एक बड़ा सवाल है।
जिले के तेज तर्रार विद्वान पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार क्या मामले को संज्ञान में लेंगे या बाघराय/कुंडा की परम्परा समझ कर लेंगे किनारा ?क्या जनसुनवाई में पुलिस द्वारा गाली-गलौज करने का नया प्रावधान आ गया है? क्या कप्तान साहब अभी ऐसे और आडियो/वीडियो का करेंगे इंतजार या लोकहितार्थ सुनिश्चित करेंगे समुचित कार्रवाई।
जब बाघराय थाने के सभी गुडवर्क पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार के कुशल निर्देशन, एडिशनल के मार्गदर्शन, सीओ सदर अमरनाथ गुप्ता के पर्यवेक्षण, और थाना प्रभारी के कुशल नेतृत्व में हो रहा है।तब साहब बड़ा सवाल है कि आखिर थाने का बैड वर्क किस मुखबिर/गैंग/दलाल/अन्य के इशारे पर हो रहा है?ऐसे व्यवहार से पीड़ित थाने जाकर कितना सहज रहेंगे?योगी राज में न्याय की यह दुर्दशा दुर्भाग्यपूर्ण और असहज करने वाला है।
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